रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पुलिस हिरासत में आरोपी द्वारा फांसी लगाने को लेकर प्रदेश के बेलगाम कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया हैं। उन्होंने कहा कि बीते 22 महीनों में छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया हैं और रायपुर अपराध की राजधानी। कानून व्यवस्था चरमरा गयी हैं और पुलिस लापरवाह हो चुकी हैं। ऐसे में राजधानी पुलिस की लापरवाही सिर्फ आरोपी के फाँसी लगाने तक ही नहीं अपितु जिस हत्या के आरोप में आरोपी को पंडरी पुलिस हिरासत में रखी थी उस वारदात में भी पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने मिली। 2 दिन पहले चाकूबाजी की घटना में घायल अमित गाईन की इलाज के दौरान मौत हो गयी और पुलिस द्वारा पहले घटना को थाने की सीमा में नहीं होना बता कर घण्टो परिजनों को परेशान किये जाने के आरोप भी लग रहे हैं यह दुर्भग्यपूर्ण हैं। संजय श्रीवास्तव ने कहा कि अस्पताल में इन दो दिनों के दरमियान राजधानी पुलिस द्वारा घायल युवक के बयान तक दर्ज नहीं किये जाने की बात भी सामने आ रहीं हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस की लापरवाही का आलम यह रहा कि मृतक के परिजनों को पंडरी थाना का घेराव कर बयान दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग तक करनी पड़ी और राजधानी की लापरवाह पुलिस युवक के मौत के बाद हरकत में आयी और आरोपियों को हिरासत में लिया। हिरासत में आरोपी युवक द्वारा फांसी लगाने की घटना एक के बाद एक लापरवाही राजधानी पुलिस की सारी लापरवाही की हदें पार करने का प्रमाण हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने ग्रहमंत्री ताम्रध्वज साहू से सवाल किया हैं कि क्या यही हैं आपका सुशासन? क्या ऐसे मिलता हैं आपके राज में न्याय? उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में असुरक्षा और डर का वातावरण निर्मित हैं। रसूखदार लॉकडाउन में भी मुख्यमंत्री और ग्रहमंत्री का जिला पार कर राजधानी में पार्टी करते हैं गोली चलते हैं। राजधानी का आम नागरिक जब चाकूबाजी की घटना से पीड़ित होकर न्याय मांगने पुलिस के पास जाता हैं तो सीमा विवाद का बहाना बनाया जाता हैं, बयान दर्ज करने में बड़ी लापरवाही की जाती हैं आरोपी पुलिस के हिरासत में फांसी पर झूल जाता हैं। भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने तत्काल सभी जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की हैं और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करने की मांग भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से की हैं। साथ ही उन्होंने चाकूबाजी में मृतक के परिजनों एवं थाने में मृतक के परिजनों को आर्थिक मदद देने की प्रदेश सरकार से मांग भी की हैं।