अजय सूर्यवंशी. जशपुर जिले में बढ़ते मानव तस्करी के मामले और महिला संबंधित अपराधों पर अकुंश लगाने के लिए पुलिस ने नया तरीका अपनाया है. पुलिस की समीक्षा बैठक में यह बात सामने निकलकर आई थी कि ज्यादातर अपराधी भगाने के लिए ऑटो और बसों का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए पुलिस अब सभी ऑटो रिक्शा और यात्री बस चालकों की कुंडली तैयार कर रही है. ऑटो और बसों के नंबर के साथ-साथ चालक के नाम भी अंकित कराए जा रहे हैं. जिसके बाद से बस स्टैंड पर भी पुलिस की निगरानी तेज कर दी गई है.

पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल का कहना है कि इससे महिलाओं की आवाजाही को बेखौफ बनाने के अलावा अपराध घटित होने पर बदमाशों को भी जल्दी पकड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड और ओड़िसा का सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां महिला संबधित व अन्य अपराध घटित होने पर अपराधियों के त्वरित पड़ोसी राज्यों में भाग जाने से उन्हें पकड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसमे अब पुलिस को काफी मदद मिलेगी और जल्द ही आरोपियों की पहचान कर आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जाएगी.

बता दे कि जशपुर जिले में बीते तीन महीने में पुलिस ने मानव तस्करी और अन्य महिला संबंधित अपराधों में गुम होने वाली 73 महिला और 5 बालिकाओं को बरामद कर उनके परिजनों को सौंपा है. उसके बाद से महिलाओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम बढ़ाए गए हैं.