पवन दुर्गम,बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शुक्रवार तड़के सुबह 4 बजे पुलिस नक्सली मुठभेड़ होने की खबर निकलकर सामने आई है. जो कि शुरु से ही सवालों के घेरे में है. वो इसलिए कि घायल व्यक्ति का कहना है कि पुलिस वालों ने ग्रामीणों पर फायरिंग की है, उस समय वहां कोई माओवादी नहीं था. जबकि एसपी ने दावा किया है कि इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर जवानों ने कार्रवाई की है. यह मुठभेड़ मोदकपाल थाना क्षेत्र के ओतकलपाड़ा के जंगलों में हुआ है.

मुठभेड़ में घायल यालम धरमैय्या ने मीडिया से बातचीत करते हुए दावा किया है कि एनकाउंटर के दौरान कोई माओवादी मौजूद नहीं थे. पुलिस के जवानों ने एकतरफा फायरिंग किया है. पुसगुड़ी गांव के 5 ग्रामीण सुबह जंगल में घूमने गए थे. जवानों की फायरिंग में 2 ग्रामीणों को गोली लगी है. एक ग्रामीण दुब्बा कन्ना की मौत हो चुकी है.

मृतक दुब्बा कन्ना

बताया जा रहा है कि बाकी जो तीन ग्रामीण घटना स्थल से भाग गए थे उनमें से एक अस्पताल में घायल के साथ है और एक मृतक के अंतिम संस्कार में लगा हुआ है. यदि वो नक्सली होते तो वापस गांव क्यों आते ?

मृतक के घर की तस्वीर, यही अंतिम संस्कार होगा.

वहीं एसपी कमलोचन कश्यप ने का कहना है कि इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर फोर्स उस इलाके में निकली थी. तड़के सुबह माओवादियों के साथ मुठभेड़ हुई है. जिसमें सर्चिंग के दौरान दो लोगों को पकड़ा गया है. जिसमें एक की इलाज के दौरान मौत हो गई है, जबकि दूसरा घायल है.

एसपी से सवाल किया गया कि घायल ग्रामीण ने पुलिस पर एकतरफा फायरिंग करने का आरोप लगाया है. घटना स्थल पर कोई माओवादी मौजूद नहीं होने की बात कही है. जिस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मुठभेड़ के बाद ऐसे आरोप लगाए जाते हैं. हमारी सूचना के आधार पर हमने कार्रवाई की है.

हालांकि पुलिस भी अभी साफतौर पर यह कहने से बच रही है कि ये लोग नक्सली है या फिर ग्रामीण है. कुल मिलाकर यह मुठभेड़ सवालों के घेरे में है. इसमें कितने सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा. क्योंकि ग्रामीण और पुलिस दोनों ही अलग-अलग दावा कर रहे हैं.