पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। धान तस्करों पर नकेल कसने कलेक्टर एसपी सक्रिय है, पर स्थानीय अमला लापरवाही बरत रहे. इसकी शिकायत मिलने पर कांग्रेस नेता तेतल खुटी चेक पोस्ट निरीक्षण करने पहुंचे. पोस्ट से सुरक्षा कर्मी नदारत मिले. वहीं बिरिघाट चेक पोस्ट भी खाली मिला.

देवभोग व अमलीपदर थाना क्षेत्र के 16 चेक पोस्ट है, पर इनमें से फिर एक बार तेतलखुटी चेक पोस्ट में पूरा का पूरा स्टाफ नदारद मिला. झरगांव में कांग्रेसी कार्यकर्ता के घर एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने प्रदेश कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी विनोद तिवारी पहुंचे थे. वहां उन्हें शिकायत मिली कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने जानबूझकर तेतल खुटी चेक पोस्ट को खाली करा दिया जाता है. यह भी बताया कि रविवार को चेक पोस्ट में शाम 6 बजे से कोई भी नहीं है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, कई मर्तबे इसी तरह चेक पोस्ट खाली कर सीधे मार्ग से ओडिशा का धान इस इलाके में कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा लाया जाता है.

शिकायत की तस्दीक करने विनोद तिवारी यूथ कांग्रेस के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ चेक पोस्ट पहुंचे. तिवारी ने बताया कि वे जब पहुंचे तो रात के 10:30 बज रहे थे, वे 11:30 बजे तक रुके रहे, वहां जिन किसी भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी. उनमें से एक भी नहीं थे. मामले की सूचना रात को कलेक्टर को दिया. मामले की जांच कराने की बात कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कही है.

स्थानीय अमला पर उठाया सवाल

मामले को नजदीक से देखने के बाद प्रदेश कांग्रेस के पूर्व संयुक्त महामंत्री विनोद तिवारी ने स्थानीय अमला के कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है. तिवारी ने मीडिया से कहा कि यह क्षेत्र तीनों छोर से ओडिशा के तीन जिलों से घिरा हुआ है. दूसरे प्रदेश को सीमा पर सर्वाधिक 16 चेक पोस्ट यहां लगें है, तस्करों को पकड़ कर एसपी की स्पेशल टीम अच्छे परिणाम दे रहे हैं. कलेक्टर भी चेक पोस्ट की निगरानी करते हैं. तिवारी ने कहा कि घटना की जानकारी सुनने कलेक्टर रात 12 बजे अपनी ड्यूटी निभाया,फिर स्थानीय अमला क्यों अपनी जवाबदारी नहीं निभा रहे है. घण्टों चेक पोस्ट में तैनात कर्मी का नदारत होना, एक ही चेक पोस्ट में बार बार इस घटना की पुनरवित्ति होना किसी सोची समझी साजिश का हिस्सा है,जिसकी जांच होनी है.

बिरिघाट चेक पोस्ट भी खुला मिला

तेतलखुटी के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ विनोद तिवारी रात 12 बजे नवरंगपुर सीमा पर लगे बिरिघाट चेक पोस्ट पहुंचे, वहां भी कर्मी नदारत मिले. लापरवाही की हद तब हो गई जब नेताओं को चेक पोस्ट का रजिस्टर भी पड़ा हुआ दिखा.