लोकेश साहू, धमतरी। जिले के कारीपानी गांव के पास विशाल पेड़ काटकर सड़क को जाम कर दिया. वाहनों की आवाजाही पर लगे विराम को बोराई पुलिस ने पेड़ हटाकर बहाल किया. आसपास कोई भी नक्सली पर्चा नहीं मिलने से पुलिस इसे शरारती तत्वों की करतूत मान रही है.
बता दें कि जिले का नगरी सिहावा इलाके को नक्सल प्रभावित माना गया है. बस्तर और ओडिशा से लगे अधिकांश गांव नक्सल प्रभावित इलाकों में शामिल है. नक्सली अपनी मौजूदगी का एहसास कराने समय-समय पर पेड़ काटकर मार्ग अवरुद्ध करने और बैनर पोस्टर लगाने जैसी करतूत को अंजाम देते रहे हैं.
मंगलवार की रात भी सिहावा-बोराई मुख्यमार्ग में कारीपानी के पास विशालकाय सरई पेड़ काटकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया गया था, जिससे इस मार्ग में आवाजाही रुकने के साथ ही पूरे इलाके में दहशत फैल गई. घटना की सूचना मिलते ही बोराई टीआई नोहर सिंह मंडावी के नेतृत्व में पुलिस के जवान मौके पर पहुंचे. आसपास इलाके में सर्चिंग करने के बाद दोपहर करीब 12 बजे रास्ते से पेड़ हटाकर यातायात व्यवस्था बहाल किया गया.
मौके से किसी तरह का नक्सली बैनर या पर्चा बरामद नहीं हुआ है. लेकिन संवेदनशील इलाके को देखते हुए इसे नक्सलियों की करतूत से भी इनकार नहीं किया जा सकता. इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर रावटे का कहना है कि कारीपानी के पास पेड़ काटने की सूचना मिली थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पेड़ हटवा लिया था.
एसपी का कहना है कि आमतौर पर नक्सली पेड़ काटने के साथ ही आसपास बैनर पर्चे भी छोड़कर जाते हैं, लेकिन मौके पर किसी भी प्रकार का बैनर पर्चा नहीं मिला है. ये किसी शरारती तत्व की करतूत है.आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ कर मामले की जांच की जा रही है.