पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद। सीमा पर चौकी के बावजूद देवभोग में ओडिशा का धान पहुंच रहा है. पुलिस और राजस्व की संयुक्त टीम ने बीत रात छापेमारी कर दो घरों से 471 बोरा धान जब्त किया है. रकबा के अनुसार ग्रामीण के घर 75 बोरी धान होना था. लेकिन उससे ज्यादा मिला. पूछताछ में किसान कुछ नहीं बता पाया.

दरअसल मंगलवार रात को पुलिस व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम सूचना के आधार पर झखरपारा पहुंची, जहां सुंदर सिंह यादव के घर दबिश दिया. सुंदर के घर मे कूल 496 बोरा धान मिला. दल ने पंजीकृत जमीन की जानकारी मांगी तो कृषक सुन्दर सिंह 0.80 हेक्टेयर रकबा का पंजीयन कॉपी दिखा सका. पंजीयन के आधार पर केवल 75 बोरा धान ही रखने की पात्रता थी. पूछताछ में भी गोल मोल जवाब देते रहा, जिसके बाद नायब तहसीलदार अभिषेक अग्रवाल ने 421 बोरा धान को अवैध मान कर जब्त कर लिया. उसी रात को ही टीम ने  दरलीपारा निवासी जय प्रसाद के घर के आगे ट्रैक्टर में लदे 50 बोरी धान को जब्त किया. जय प्रसाद धान अपना है यह साबित नहीं कर सका.

एसडीएम अनुपम आशीष टोप्पो ने लगातार कार्रवाई होने की बात कही है. सीमाओं पर चौकसी के बावजूद ओडिशा का धान पहुंचने के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि तैनात कर्मियों पर ही निगरानी की आवश्यकता है. उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत करा कर उनकी जानकारी में आवश्यक जानकारी दे दिया गया है.

आरक्षक के खिलाफ शिकायत, कोटवार बना गवाह

केंदुबन्द सीमा पर तैनात आरक्षक राज कुमार सिदार के खिलाफ किसान निरजंन यादव ने 8 दिसंबर को एसडीएम से लिखित में किया है. किसान ने शिकायत में बताया कि वह अपने खलिहान से पिकअप में धान भर कर घर ले जा रहा था, उसी बीच आरक्षक ने पिकअप रोककर ड्राइवर से 9 हजार ले लिया. नशे की हालत में भी भारी हंगामा करता है. किसान ने घटना के गवाह के रूप में केंदुबन्द के कोटवार क्षेत्रमोहन समेत वहां के पटेल का नाम दिया है. एसडीएम टोप्पो ने इस शिकायत की जांच जारी होने की बात कही है.

 इस शिकायत की चर्चा

इस शिकायत की चर्चा इलाके में जमकर इसलिए हो रही है, क्योंकि आरोप धान तस्करी रोकने के लिए सीमा पर तैनात जवान के खिलाफ है. बताया जा रहा है कि जिन्हें अवैध परिवहन रोकने का जिम्मा दिया गया है. उन्हीं जिम्मेदार लोगों द्वारा ओडिशा से धान पार कराया जा रहा है. चर्चा है कि जिस 9 हजार रुपये को छीनना बताया जा रहा है, वह रकम धान पार करने दिया गया था, पार होते वक़्त पिकअप पुलिस के हत्थे भी चढ़ गया था, लेकिन कृषक ने अपना धान होने का प्रमाण दे दिया. जिसके बाद पिकअप छोड़ा गया. सीमावर्ती ग्राम में संयुक्त जांच दल को धान का अवैध भंडारण मिलना भी इसी बात का संकेत दे रहा है कि ओडिशा का अवैध धान किसी न किसी तरह अब भी प्रदेश के सीमा में दाखिल हो रहा है. मामला गंभीर होने के कारण इस मामले में अब आला अधिकारी सक्रिय हो गए है.