जितेन्द्र सिन्हा, गरियाबंद। जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह संकेत भी दिया है कि ऑनलाइन ठगी का नेटवर्क अब छोटे शहरों और गांवों तक गहराई से फैल चुका है. राजिम थाना क्षेत्र के अंतर्गत, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाताधारकों के खातों में 30 मई 2024 से लेकर 17 मार्च 2025 के बीच कुल 4 करोड़ 16 लाख रुपये की संदिग्ध एंट्री दर्ज की गई है. जब इन ट्रांजैक्शन की जांच की गई, तो पता चला कि ये रकम ठगी और साइबर फ्रॉड से जुड़ी हुई हैं.

एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस घोटाले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने म्यूल अकाउंट यानी ऐसे बैंक खाते जिनका उपयोग धोखाधड़ी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. का इस्तेमाल कर इस ठगी को अंजाम दिया.

जांच में यह भी सामने आया है कि यह पूरा गिरोह छोटे गांवों के गरीब और अशिक्षित लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम से बैंक खाते खुलवाता था. बाद में उन्हीं खातों का उपयोग देशभर में चल रही ऑनलाइन ठगी की रकम इधर से उधर करने में किया जाता था.

इस मामले की जानकारी गृह मंत्रालय के समन्वय पोर्टल से सामने आई, जहां देशभर से साइबर क्राइम से जुड़े आंकड़े और संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी होती है. वहीं से राजिम में संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की गई, जिसके बाद स्थानीय पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली.

अगर आप भी किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर बैंक खाता खोलने जा रहे हैं, या किसी को अपना अकाउंट नंबर और दस्तावेज दे रहे हैं, तो सावधान हो जाइए. ये छोटा-सा कदम आपको भी कानूनी पचड़े में डाल सकता है.

राजिम पुलिस की टीम अब इस पूरे रैकेट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. आशंका जताई जा रही है कि इस ठगी नेटवर्क की पहुंच अन्य राज्यों तक भी हो सकती है.

यह मामला बताता है कि अब ठगों का निशाना केवल बड़े शहर नहीं, बल्कि छोटे गांव और कस्बे भी हैं. इसलिए जरूरी है कि लोग जागरूक रहें, और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें.