अविनाश श्रीवास्तव/रोहतास। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी तेज होती जा रही है। रोहतास जिले की दिनारा विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक होता नजर आ रहा है। यहां से दो बार विधायक और राज्य सरकार में पूर्व मंत्री रह चुके जयकुमार सिंह ने आखिरकार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। खास बात यह है कि उन्होंने तीन दिन पहले ही जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से इस्तीफा दिया था।जयकुमार सिंह की यह घोषणा उस वक्त आई है जब इस सीट को महागठबंधन के अंतर्गत राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के खाते में दे दिया गया है। RLM ने यहां से आलोक सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जिससे नाखुश होकर जयकुमार सिंह ने पहले पार्टी छोड़ी और अब चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है।
समर्थकों की बैठक के बाद लिया फैसला
पूर्व मंत्री जयकुमार सिंह ने साफ कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और आम जनता से बातचीत करने के बाद ही यह बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा दिनारा मेरी कर्मभूमि रही है। यहां की जनता के विश्वास और समर्थन से ही मैं दो बार विधायक बना और मंत्री भी रहा। जब मेरी ही सीट किसी और पार्टी को दे दी गई, तो यह न केवल मेरे लिए बल्कि मेरे क्षेत्र की जनता के लिए भी अपमानजनक स्थिति थी। मैं चुप नहीं बैठ सकता।पिछले तीन दिनों में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में कार्यकर्ताओं के साथ कई चरणों में बैठकें हुईं, और अंततः यह निर्णय लिया गया कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
किस पार्टी से लड़ेंगे चुनाव?
हालांकि जयकुमार सिंह ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे या निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। लेकिन उनकी सक्रियता और समर्थकों का उत्साह यह संकेत दे रहा है कि वे किसी न किसी सशक्त राजनीतिक विकल्प के साथ मैदान में उतर सकते हैं। इस बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम सकते हैं, क्योंकि राजद ने अभी तक दिनारा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जयकुमार सिंह को राजद समर्थन दे सकता है।
गठबंधन की अंदरूनी खींचतान आई सामने
दिनारा सीट पर जो घटनाक्रम तेजी से बदले हैं, उससे यह साफ हो गया है कि महागठबंधन के भीतर तालमेल की कमी और असंतोष की स्थिति है। जेडीयू कोटे की मानी जाने वाली यह सीट RLM को दे देना पार्टी के पुराने नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को रास नहीं आया। जयकुमार सिंह की नाराजगी भी इसी बात से है कि बिना क्षेत्रीय समीकरणों को समझे, टिकट बंटवारा कर दिया गया। अब जब वे खुद मैदान में उतर चुके हैं, तो यह मुकाबला बहुकोणीय होने की संभावना है।
नामांकन की अंतिम तारीख नजदीक
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है। ऐसे में जयकुमार सिंह के पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है। राजनीतिक गलियारों में हर किसी की नजर अब इस बात पर टिकी है कि वे कब और किस पार्टी के टिकट पर नामांकन करते हैं।
दिनारा सीट पर इतिहास रहा है रोचक
गौरतलब है कि दिनारा सीट पर जयकुमार सिंह का अच्छा प्रभाव रहा है। वे दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं और नीतीश सरकार में मंत्री भी बने। जनता के बीच उनकी पकड़ और क्षेत्रीय मुद्दों पर उनकी समझ को लेकर उनके समर्थकों में खासा उत्साह है। इस बार दिनारा में आलोक सिंह (RLM) पहले ही मैदान में हैं। अब जयकुमार सिंह के उतरने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा। यदि राजद या किसी अन्य प्रमुख दल का समर्थन उन्हें मिल गया, तो समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं।
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