रायपुर। मेडिकल कॉलेजों में ओबीसी के लिए 27 फीसदी और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण की केंद्र सरकार ने घोषणा की है. भाजपा नेताओं ने इस निर्णय को जहां ऐतिहासिक बताया है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों ने इसे देर से उठाया कदम बताया है.
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि देश में सरकारी मेडिकल कालेजों की आल-इण्डिया की यूजी व पीजी सीटों में ओबीसी कोटा की घोषणा काफी देर से उठाया गया कदम है. केन्द्र सरकार अगर यह फैसला पहले ही समय से ले लेती तो इनको अबतक काफी लाभ हो जाता, किन्तु अब लोगों को यह चुनावी राजनीतिक स्वार्थ हेतु लिया गया फैसला लगता है.
उन्होंने कहा कि बीएसपी ने बहुत पहले से सरकारी नौकरियों में एससी, एसटी व ओबीसी कोटा के बैकलॉग पदों को भरने की मांग करती रही है. लेकिन केंद्र व यूपी सहित अन्य राज्यों की भी सरकारें इन वर्गों के वास्तविक हित व कल्याण के प्रति लगाता उदासीन बनी हुई हैं. यह अति दु:खद है.
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर पिछले वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया है.