शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक डॉ इंद्रेश कुमार की अपील पर मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई है। दरअसल इंद्रेश कुमार ने मदरसों में भी राम नाम के जप करने की अपील की थी, जिसके बाद कांग्रेस और मुस्लिम संगठन ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। इस मामले में कांग्रेस का बयान सामने आया है। कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि इंद्रेश कुमार आरएसएस के राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक है। उन्होंने कहा कि आरएसएस का मतलब राष्ट्रीय षड्यंत्रकारी संघ है। संघीयों समझो, देश संविधान से चलता है आरएसएस से नहीं। 

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शर्मा ने कहा धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार संविधान से हैं। इस स्वतंत्रता को न थोपा जा सकता है न ही छीना जा सकता है। आरएसएस और बीजेपी को इस राजनीति से बाज आना चाहिए। 
यह राष्ट्रीय षड्यंत्रकारी संघ देश में नफरत फैला रहा है, और इसलिए राहुल गांधी पूरे देश में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं। 

मुस्लिम संगठन का बयान

वहीं इस पर मुस्लिम संगठन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आल इंडिया उलमा बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष सैयद अनस अली ने कहा कि इस्लाम एक ईश्वरवाद मतलब अल्लाह को मानता है। सनातन की भी अपनी मान्यताएं हैं, इस्लाम की अपनी मस्जिद का पूरा सिस्टम भी बना हुआ है। इंद्रेश कुमार बड़े जिम्मेदार हैं, देश के बहुत से मुसलमान भी उनसे जुड़े हुए हैं और इस्लाम की भी मालूमात भी रखते हैं।  इसके बाद भी ऐसा विवादित बयान देना सही नहीं है। यह मुस्लिम राष्ट्रीय मंच नहीं मुस्लिम विवाद मंच है। उनका यह बयान आ बैल मुझे मार वाला है। 

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इंद्रेश कुमार की मुसलमान से जो मोहब्बत है वह कहीं ना कहीं कम है। उन्होंने कहा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर किसी भी मुसलमान ने आवाज नहीं उठाई, फैसला आया और मंदिर बन रहा हैं. हमारी मस्जिदें बहुत है और काफी भी हैं। इंद्रेश कुमार का उम्र का तकाजा है, उन्हें अब घर पर बैठना चाहिए। मस्जिद में कुरान ही पढ़ी जाएगी.. गीता और हनुमान चालीसा अन्य धर्म ग्रंथ नहीं पढ़े जाएंगे। 

हिंदू संगठन का बयान

वहीं हिंदू संगठन ने कहा इंद्रेश कुमार के बयान में बुराई क्या है, उन्होंने बिल्कुल सही बयान दिया। श्री राम एक विचारधारा हैं और आज रामलला अगर अपने घर में विराजमान हो रहे हैं तो सभी को जश्न मनाना ही चाहिए। हर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई को इस उत्सव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। यदि ईद पर हिंदू बधाइयां देता है, तो मुसलमानों को राम नाम बोलने से क्या परहेज है। मुस्लिम भी 11 बार राम का नाम लें और राम के नाम पर अपने घरों में दीपक जलाएं। मुस्लिम संगठनों को भी सद्भावना शब्द और श्री राम की परिभाषा को समझना चाहिए।मदरसे हो या मस्जिद हो चर्च हो या गुरुद्वारे हो, इनमें राम नाम के जाप करने में बुराई क्या है। राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं पूरे विश्व के हैं विश्व कल्याण के हैं। सद्भावना का दूसरा नाम ही भगवान श्री राम है। 22 जनवरी को में सरकारी अवकाश घोषित हुआ हमारी मांग है मदरसों की भी छुट्टी घोषित की जाए। 

बीजेपी का भी सामने आया बयान

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने मदरसों में राम उत्सव मनाए जाने पर बोले- हमारे लिए राम रहीम एक है। भाग्य जगाने हो तो राम नाम जपो। 

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