लखनऊ. देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान सियासी तरकश से तीर एक दूसरे पर जमकर चलाए जा रहे थे। उसी कड़ी में राजस्थान में प्रचार के दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पवनपुत्र हनुमान की जाति बता डाली। उन्होंने कहा कि हनुमान जी दलित जाति के थे।
उनके इस बयान के बाद आगरा में दलित समाज के लोगों ने एक हनुमान मंदिर पर कब्जा कर लिया और दलित पुजारी नियुक्त करने की मांग की। इसके साथ दिल्ली, मेरठ और लखनऊ से भी इस तरह की खबरें आईं। अब इस मुद्दे में हाल ही में शिवपाल यादव द्वारा गठित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने दखल दिया है।
शिवपाल यादव की पार्टी से जुड़े लोगों ने वाराणसी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर भगवान हनुमान को जाति प्रमाण पत्र देने की मांग की है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो लोग वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देंगे। पार्टी के लोगों ने इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का जिक्र किया है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी द्वारा इस तरह के कदम को लोगों के ध्यान को आकर्षित करने की कवायद मानी जा रही है।