कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। देशभर में बीते दिनों भाजपा शासित प्रदेशों में सीएम के चेहरे परिवर्तित किए जाने के बाद क्या अब मध्यप्रदेश में सीएम का चेहरा बदला जा सकता है। यह सवाल एक बार फिर इसलिए खड़े हुए हैं क्योंकि कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने एक बड़ा दावा किया है। पीसी शर्मा ने ग्वालियर चंबल अंचल में नरेंद्र सिंह तोमर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई को सीधे सीएम की कुर्सी से जोड़ दिया है।

पूर्व मंत्री शर्मा का कहना है कि देश के अंदर पीएम के नाम पर जो माहौल प्रदेश में बनाया जा रहा है। वह सीएम की कुर्सी हासिल करने के लिए ज्यादा से ज्यादा दिखावे को लेकर हो रहा है। यही वजह है कि भाजपा के सभी नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। कैलाश विजयवर्गीय यशोधरा राजे सिंधिया का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा रहे हैं। दूसरी ओर नरेंद्र सिंह तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव सभी खींचतान में लगे हुए हैं। भाजपा में हर आदमी मुख्यमंत्री बनना चाहता है।

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सब चाहते हैं कि 15 साल बहुत हो चुके हैं, अब उन्हें मुख्यमंत्री बनना चाहिए। भाजपा खेमे के अंदर की इतनी गहरी जानकारी आखिर उनके पास कैसे आई? इस सवाल पर पीसी शर्मा का कहना है कि अंदरखाने की हवाएं निकलती रहती हैं और हम तक भाजपा से ही आती रहती हैं। उन्होंने भाजपा के अंदरूनी खेमे में चल रही इस वर्चस्व की लड़ाई से स्पष्ट किया है कि वर्ष 2023 में कमलनाथ के नेतृत्व में फुल फ्लैश सरकार बनाई जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली ने भी 2024 में कांग्रेस की सरकार एक बार फिर बनने जा रही है।

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