दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बुधवार दोपहर सागर की खुरई विधानसभा के ग्राम बरोदिया नौनागिर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से बंद कमरे में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेताओं को भी अंदर आने से मना कर दिया था। उनके साथ पत्नी अमृता राव सिंह भी मौजूद थी। पूर्व सीएम दिग्विजय ने करीब 1 घंटे पीड़ित परिवार से बंद कमरे में बातचीत की।

चर्चा के बाद बाहर निकले दिग्विजय ने मीडिया से कहा कि अगर साल 2019 के आरोप में हत्याकांड में शामिल आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने सख्ती की होती तो आज नितिन की हत्या करने की हिम्मत नहीं होती। उसमें गिरफ्तारी कैसी हुई। अदालत में गए और छूटकर आ गए। मंत्री जी का दबाव है। पुलिस गुलामी कर रही है। क्यों नहीं कार्रवाई की गई। पिछले चार सालों से पीड़ित परिवार को पुराने मामले में राजीनामा करने का दबाव बनाया जा रहा था।

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हत्या के दिन भी वे लोग मृतक के घर आए थे और मृतक की मां से राजीनामा की बात की और धमकाया था। उसी शाम नितिन बाजार सब्जी लेने गया। तभी उन्होंने उसके साथ मारपीट की। बेटे को बचाने गई मां को निर्वस्त्र कर पीटा गया। हाथ तोड़ दिया। बहन का मोबाइल छीन लिया और मारपीट की। उसने छिपकर खुद को बचाया।

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दिग्विजय सिंह ने गांव में मौजूद प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने हत्याकांड के संबंध में जानकारी ली। साथ ही आगे की कार्रवाई के संबंध में बात की। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार की मांगों को लेकर कलेक्टर ने लिखित आश्वासन दिया था। आरोपियों के मकानों की जांच कर 2 दिन में तोड़ने की बात कही थी। लेकिन 4 दिन बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं हुई है। कहां है प्रशासन?

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