शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार (MP government) फिर कर्ज (Loan) लेगी। 15 सालों के लिए शिवराज सरकार ने फिर 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया है। साल 2022-23 में 14 हजार करोड़ का लोन सरकार ले चुकी है। 31 जनवरी को सरकार रिजर्व बैंक (Reservg bank) में बांड गिरवी कर कर्ज लेगी।

साल 2038 तक आरबीआई (RBI) को ऋण चुकाना होगा। साल 2022 में मध्यप्रदेश सरकार को 57 हजार करोड़ का वित्तीय घाटा हुआ है। सरकार आय से अधिक खर्च कर चुकी है। जानकारी के अनुसार तीन लाख करोड़ रुपए लोन चुकाने के लिए सरकार को हर साल 46 हजार करोड़ रुपए देने पड़ रहे हैं।

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एमपी सरकार के कर्ज पर एक बार फिर सियासी बयानबाजी (Politics) तेज हो गई है। कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस के केके मिश्रा ने कहा है कि सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है। उन्हें मालूम है कि अब सत्ता में वापसी तो होगी नहीं तो कर्ज ही ले लिया जाए। सरकार सत्ता से जाने के पहले जनता को कर्ज के बोझ से दबाना चाहती है।

मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि कर्ज हर सरकार लेती है चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस।कर्ज लेने की हर सरकार की सीमा तय है। तय लिमिट से ज्यादा कोई भी सरकार कर्ज नहीं ले सकती है। विपक्ष सिर्फ कर्जे के नाम पर जनता का गुमराह कर रहा है। सत्ता में रहते हुए कांग्रेस सरकारों ने भी कर्जा लिया था।

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