शिखिल ब्यौहार, भोपाल। डाक मतपत्र को लेकर मध्यप्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। बीते मंगलवार को विधानसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर गोविंद सिंह ने लहार विधानसभा के डाक मत पत्र गायब होने का आरोप लगाया। तो अब डाक मतपत्र से जुड़ा नया मामला सामने आया है।
दरअसल डाक मतपत्रों की गिनती पहले और घोषणा अंतिम काउंटिंग राउंड में की जाती है। कांग्रेस ने इस नियम के संशोधन की मांग की है। कांग्रेस मीडिया विभाग उपाध्यक्ष अब्बास हाफिज का कहना है कि डाक मतपत्र को लेकर बीजेपी गड़बड़ियों को अंजाम दे सकती है। कम अंतर की जीत की सीटों पर बाजी पलटने के लिए अफसरों से सांठगांठ कर डाक मतपत्रों का उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि मतपत्रों की गणना सबसे पहले और घोषणा अंतिम में की जाती है। ऐसे मामले भी पहले कई बार सामने भी आ चुके हैं।
बीते विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने डाक मतपत्रों को लेकर नियम संशोधन की मांग की थी। कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि सालों से बीजेपी की कब्जे वाली सीटों पर इस बार कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है। ऐसे में डाक मतपत्रों को लेकर बीजेपी चाल चल सकती है।
उधर बीजेपी नेता दीपक विजयवर्गीय ने इस मांग को अलोकतांत्रिक बताया। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस अपनी शिकस्त को लेकर बौखलाए हुए हैं। इसलिए आरोपों के साथ प्रावधानों का सहारा ले रही है। बता दें कि मध्यप्रदेश में लाखों की संख्या में सरकारी कर्मचारी चुनावी ड्यूटी में लगाए गए थे। राजधानी भोपाल में 17 हजार कर्मचारी-अधिकारियों की चुनावी तैनाती की गई थी। इसमें करीब 12 हजार कर्मचारियों ने डाक मतपत्र से मतदान किया।
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