रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों का एलान एवं आचार संहिता प्रभावी होते ही दो जिलों के कलेक्टर और तीन जिलों के एसपी समेत अन्य अफ़सरों पर चुनाव आयोग ने हटा दिया है. इस कार्रवाई के बाद पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. आयोग की इस कार्रवाई को एक संकेत की तरह माना जा रहा है. की सभी शिकायतों पर बारीकी से जांच की जा रही है. चुनाव आयोग के उच्च पदस्त सूत्र बताते है कि प्रशासनिक अमले के कई और भी अफ़सर आयोग की रडार पर है. जिसकी जांच पड़ताल अंदरूनी रूप से की जा रही है.

इस कार्रवाई से चुनाव आयोग ने स्पष्ठ संदेश दिया है, की प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीक़े से चुनाव संपन्न कराने के लिए कड़ा रुख अपनाया जा सकता है. किसी भी अफसरो की भूमिका पर सवाल उठते ही, उस पर कार्रवाई की तलवार लटक सकती है.

चुनाव आयोग की कार्रवाई से गरमाई सियासत

चुनाव आयोग की कार्रवाई से राजनैतिक महकमे में भी सियासत गरमा गई है. प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभा रहें बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा निष्पक्ष चुनाव कराने की जवाबदारी आयोग की है. चुनाव आयोग फ्री एंड फेयर इलेक्शन कराने की भूमिका में है. इसीलिए आयोग की कार्रवाई हो रही है.

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशीलआनंद शुक्ला का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा ये बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई है. इस तरह की कार्रवाई कर ये कहना ग़लत है कि अफसर चुनावी प्रक्रिया पर रुचि नहीं ले रहे है. ऐसी कार्रवाई चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर रहा है.

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