शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में मोहन सरकार एक बार फिर एक्शन मोड में है। लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बाद पूर्व निर्देशों पर अमल की कवायद तेजी से शुरू हो गई है। सीएम पद संभालने के बाद धार्मिक स्थलों समेत अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों की मनमानी के आदेश थे। समीक्षा के दौरान सीएम यादव ने कड़ाई से आदेश के पालन का पाठ भी अफसरों को पढ़ाया और एक ही दिन में प्रदेश से 2527 लाउड स्पीकरों को हटाया गया। वहीं इसे लेकर सियासत भी जारी है।
एमपी में लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई के साथ सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई। अल्पसंख्यक वर्ग के नेता और कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने एक बार फिर मुस्लिम कार्ड खोल सीएम के नाम पत्र लिखा। कांग्रेस ने कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए। वहीं कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता स्वेदश शर्मा ने कहा कि धर्म गुरुओं से चर्चा कर उन मानकों को पालन किया जाए जो न्यायालय ने तय किए हैं, लेकिन प्रदेश में उलटा हो रहा है। मैं समझता हूं कि मुख्यमंत्री अपनी कानून व्यवस्था पर ध्यान दें, तो बेहतर होगा।
कांग्रेस की आपत्ति को बीजेपी ने मुस्लिम वर्ग के लिए तुष्टीकरण की राजनीति बताया। भाजपा प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने कहा कि कांग्रेस के चश्में में अल्पसंख्यक वर्ग में सिर्फ मुस्लिम है। सिख दंगों से लेकर केरल में जैन मुनि की निर्मम हत्या पर कांग्रेस ने आंख बंद की। लोकसभा के चुनावी घोषणा पत्र में भी सिर्फ मुस्लिमों के लिए ही हमदर्दी दिखाई दी। सांप्रयादिक अपराधों के आरोप में घिरे आरिफ मसूद सिर्फ एक वर्ग विशेष के लिए राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं। बीजेपी ने हमेशा से हर धर्म को एक सा माना। कांग्रेस के तमाम आरोप गलत हैं। नियमों के तहत ही सभी धार्मिक स्थलों पर समान रूप से कार्रवाई की जा रही है।
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