बर्लिन. स्पोर्ट्स कार बनाने वाली दिग्गज कंपनी पोर्शे ने डीजल चालित कारों को बनाने से तौबा कर लिया है. ऐसा करने वाली वह जर्मनी की पहली कार निर्माता कंपनी बन गई है.
कंपनी के सीईओ ओलिवर ब्लूम ने कहा कि भविष्य में पोर्शे सिर्फ पेट्रोल, हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस करेगी. ब्लूम ने बताया कि अगले वर्ष से कंपनी विशुद्ध रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों पर ही ध्यान केंद्रित करेगी. दरअसल पिछले तीन वर्षों से पोर्शे की पेरेंट कंपनी फॉक्सवैगन डीजलगेट कांड में फंसी हुई है. इसके चलते दुनियाभर में कंपनी की खासी किरकिरी हो चुकी है. जिसको देखते हुए पोर्शें ने डीजल इंजन से किनारा करने का फैसला किया है.
दरअसल, फॉक्सवैगन ने वर्ष 2015 में अमेरिकी नियामकों के सामने स्वीकार किया था कि उसने दुनियाभर में 1.1 करोड़ कारों में उत्सर्जन मानकों से फरेब करने वाले उपकरण लगाए थे. ये उपकरण ज्यादा उत्सर्जन को कम बताते थे, और कंपनी के वाहन उत्सर्जन परीक्षण में पास हो जाते थे.
इस झूठ के पकड़े जाने के बाद से अब तक कंपनी 27 अरब यूरो (करीब 2.28 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा का जुर्माना भर चुकी है. कंपनी को लाखों वाहन रिकॉल करने पड़े हैं और अभी भी वह कई देशों में मुकदमे का सामना कर रही है.