बिहार में हुए उलटफेर के बाद अब झारखंड में भी राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं. सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग ने CM हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी है. वहीं इस संबंध में राज्यपाल को चिट्ठी भी भेज दी है. जिसके बाद हेमंत के हाथों से सीएम की कुर्सी जाना तय माना जा रहा है. इस बीच सवाल ये उठता है कि यदि सोरेन की कुर्सी चली जाती है तो आखिर झारखंड का अगला सीएम कौन होगा ?

कयास लगाए जा रहे हैं कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की ताजपोशी हो सकती है. यानी सीएम की कुर्सी पर सोरेन परिवार का ही कब्जा रहने वाला है. यदि ऐसा होता है तो इसे बिहार पार्ट 2 कहना गलत नहीं होगा. वो इसलिए क्योंकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी यही पैंतरा आजमाया था. 1997 में चारा घोटाले में नाम आने के कारण उन्हें जेल जाना पड़ा था, जिसके बाद उनकी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया था. यानी 5 दशक बाद बिहार जैसा प्रयोग झारखंड में होने के आसार दिखाई दे रहे हैं.

सत्ता के गलियारे में सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन की ताजपोशी की चर्चा है. लेकिन कल्पना है कौन ? चलिए जानते हैं कि कौन हैं झारखंड की अगली सीएम (संभावित) कल्पना सोरेन ?

वैसे तो कल्पना सोरेन सक्रिय राजनीति से दूर रहती हैं. लेकिन परिवार में राजनीतिक माहौल होने की वजह से राजनीतिक घटनाओं में उनकी अच्छी-खासी दिलचस्पी रहती है. कल्पना महिला विंग के कार्यक्रमों में भी सक्रियता से हिस्सा लेती हैं. वहीं सामाजिक कार्यक्रमों में भी उनकी मौजूदगी की वजह से वो लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. वे ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं. फिलहाल रांची में प्ले स्कूल चलाती हैं.

कल्पना का ही नाम क्यों ?

दरअसल, भाजपा के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे के ट्वीट ने इस पूरी संभावनाओं को जन्म दिया है. निशिकांत दुबे ट्वीट करते हुए ये दावा किया था. उन्होंने ट्वीट किया था कि –

‘झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी,परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए’

निशिकांत के इस अटकल को और हवा मिल गई जब इस राजनीतिक सरगर्मी के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में यूपीए विधायकों की बैठक सीएम हाउस में बुलाई गई.

सोरेन के पास क्या है विकल्प ?

भाजपा सांसद के दावों के मुताबिक सोरेन के पास मौजूद विकल्पों में उनकी पत्नी को सीएम बनाए जाने की संभावना ज्यादा है. क्योंकि हेमंत सोरेन के साथ-साथ भाई बसंत सोरेन पर भी अयोग्यता की तलवार लटक रही है. उनके पिता शिबू सोरेन की बात करें तो उन पर पहले ही कई मामले चल रहे हैं. स्वास्थ्य भी खराब रहता है. मां रूपी सोरेन की उम्र और खराब सेहत के चलते वो भी अयोग्य ही मानी जा रही हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन के पास परिवार में सिर्फ दो ही ऑप्शन बचते हैं. पहला उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और दूसरा उनकी भाभी सीता सोरेन.

क्यों गई हेमंत सोरेने की सदस्यता ?

पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग के आरोप का है. इस मामले में ही झारखंड के राज्यपाल ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग की राय मांगी थी. गुरुवार को चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भेज दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोग ने राज्यपाल को सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. क्योंकि उन पर मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टे लेने का आरोप है.

सोरेन के सामने चुनौती

कल्पना को सीएम बनाने के लिए हेमंत सोरेन को सभी पार्टियों की सहमति चाहिए, क्योंकि उन्हें सीएम बनाए जाने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता बगावत कर सकते हैं. इतना ही नहीं उनकी विधायक भाभी सीता सोरेन भी बागी हो सकती हैं. साथ ही विपक्ष कल्पना सोरेन के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन खरीदने का भी मुद्दा उठाकर कल्पना की मुश्किलें बढ़ा सकता है.

सदस्यता तो गई ! अब आगे क्या… ?

सूत्रों की मानें तो चुनाव आयोग ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द तो कर दी है. फिलहाल इस पर राज्यपाल की ओर से कार्रवाई बाकी है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन के हाथों से कुर्सी जाती हुई दिख रही है. ऐसा हुआ तो राज्य में नए सिरे से सरकार का गठन होगा. हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायकों को अपना नया नेता चुनना होगा. जो राज्य का अगला मुख्यमंत्री बन सकता है. अब यहां ये भी गौर करने वाली बात है कि राज्य में JMM, कांग्रेस, राजद, NCP का गठबंधन है. ऐसे में नए नेता के लिए JMM को अपने सहयोगी दलों को साथ में लेकर चलना चुनौती हो सकती है. इनमें भी सबसे बड़े सहयोगी कांग्रेस की राय सबसे ज्यादा अहम होगी. हालांकि ये सभी अटकलें हैं, इन पर विराम राज्यपाल ही लगा सकते हैं.

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