भोपाल नगर निगम का रसूखदार एनजीओ, अफसर भी नतमस्तक
भोपाल नगर निगम का स्वच्छता के लिए काम करने वाले एक एनजीओ की चर्चा न सिर्फ नगरीय प्रशासन संचालनालय बल्कि अब तो मंत्रालय तक है। दरअसल, बिग पावर के परिवार के सदस्य ही इसका सालों से संचालन में हैं। नगर निगम के नाम से नगरीय प्रशासन से लेकर मंत्रालय से संपर्क में रहने वाली समाजसेवी का एक गिरोह सक्रिय है। गिरोह के सुसज्जित सदस्यों के बदौलत तमाम अफसरों में आसानी से पैठ बनाने में माहिर भी हैं। ऊपर से निचले स्तर के अफसर भी इनकी बात को नहीं टालते। अब इनका अफसरों से भी ज्यादा औदा जो ठहरा। इनकी नाराजगी भी कई बार छोटे स्तर के अफसरों को झेलनी पड़ी है। वैसे अब गिरोह में नए सदस्यों की भर्ती करने में जुटे हैं। ऐसा दबाव कहीं भारी न पड़ जाए।
पीडब्ल्यूडी के आबकारी मिजाज के अफसरों..ये क्या कर दिया…
बारिश के मौसम में अफसरशाही कुछ ज्यादा ही हरी होने लगती है और फिर आबकारी मिजाज। कई बार यह मिजाज भी भारी पड़ जाता है। ऐसा ही बीते दिनों पीडब्ल्यूडी के अफसरों के बीच हुआ। राजधानी भोपाल के रातीबड़ क्षेत्र में ठेकेदार साहब ने एक कोठी पर इंजीनियर अफसरों को पार्टी के लिए आमंत्रित किया। अफसरों की पार्टी में नाच-गाने का प्रबंध किया गया। मदहोशी में निर्माण भवन के साहब की जी हजूरी को लेकर एक ठाकुर मिजाज के अफसर पिछड़े वर्ग के अफसर से लड़ बैठे। जमकर एक दूसरे की पोलपट्टी भी खोली गई। हालांकि कुछ देर बाद अन्य हमप्याला ने मामले को रफा दफा करवा दिया। सुनने में आया है कि इसका एक वीडियो जरूर मार्केट में आ गया है। नाच-गाने के साथ लड़ाई की पूरी कसर निकाली गई है।
माननीयों का अवैध रेत का प्रेम
मध्यप्रदेश में न तो नदियों की कमी है न ही रेत उत्खनन की। जब तमाम तस्वीरों के बाद रेत माफियाओं पर पकड़ बनाने में जिम्मेदार नाकाम हैं तो यहां तो बात माननीयों और दिग्गजों की है। महाकौशल क्षेत्र से नर्मदापुरम तक रेत का बड़ा गोरख धंधा जारी है। अब इसने और रफ्तार पकड़ ली है। स्थानीय जन प्रतिनिधि ही नहीं बल्कि प्रदेश के बड़े-बड़े नामों ने सीधे एंट्री मारी है। हालांकि पहले बात सिर्फ संरक्षण तक ही सीमित थी। खेर..मिली भगत के सब भाई-भाई हैं। यहां राजनीतिक मतभेद नहीं होता। जिनके संरक्षण के नाम पर वोट मांगा अब इन्ही को छलनी करने में जुटे हैं।
अल्पसंख्यक नेताओं को डर निपट जाए ना हम
मध्यप्रदेश कांग्रेस के साथ-साथ एमपी कांग्रेस को यूथ कांग्रेस का भी अध्यक्ष नया मिला है। दोनों के सामने चुनौतियां ज्यादा है। जीतू पटवारी को लेकर पार्टी में लगातार विरोध के सुर उठ रहे हैं। तो वहीं मितेंद्र दर्शन सिंह यादव को लेकर अभी तक कोई नाराजगी देखने को नहीं मिली है। लेकिन कुछ दिन पहले हटाए गए युवक शहर अध्यक्षों को लेकर अंदरखाने नाराजगी उबलने लगी है, जो आने वाले समय में ये ज्वालामुखी भी बन सकती है। उसकी वजह है अल्पसंख्यक नेता, बताया जा रहा है कि प्रदेश में करीब 7 से 8 अल्पसंख्यक वर्ग से युवक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष हैं। और ये सभी युवक कांग्रेस के हुए चुनाव में चुनकर आए थे। अब इन नेताओं को डर सता रहा है कि सीधे पार्टी नियुक्त करेगी तो इनका वापस जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है। इसलिए अब दिल्ली में मोर्चा खोलने की तैयारी चल रही है। इनकी मांग है कि इन्हें सिलेक्ट नहीं इलेक्ट किया जाए।
गाने के शौकीन टीआई साहब
भोपाल के एक थानेदार साहब इन दोनों अपने गाने को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। साहब ने अपने घर में ही म्यूजिक सिस्टम तैयार कर रखा है। गाने के इतने शौकीन कि ड्यूटी से जैसे ही वक्त मिलता है टीआई साहब गुनगुनाने लग जाते हैं और अपने गाये हुए गाने दोस्तों को भेजते हैं। उसके बाद गाये हुए गाने का अपने दोस्त से फीडबैक भी लेते हैं। पूछते हैं, कैसा लगा मेरा गाना और बजाना?
प्रेस कांफ्रेंस के बाद डिलीट करवाए गए वीडियो
मध्यप्रदेश की सियासत में मंत्री से विभाग लिए जाने के एपिसोड ने भूचाल ला दिया था। नाराजगी को लेकर फोन पर मंत्री जी बातचीत कर रहे थे और खुलकर नेताओं पर भड़ास निकाल रहे थे। लेकिन माननीय ने कैमरे के सामने आकर एक भी बाइट नहीं दी। बताया जा रहा है कि मंत्री जी ने नाराजगी को लेकर बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी और उन्होंने खूब अपने नेताओं के खिलाफ हमला बोला था। लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस जैसे ही खत्म हुई, उनके समर्थकों को समझ आ गया कि मंत्री जी काफी ज्यादा बोल गए हैं। जिसके बाद सभी पत्रकारों को वहां रोका गया और वीडियो डिलीट करवाए गए।
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