(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

थोड़ी सी जो पी ली है…

प्रदेश के पीडब्ल्यूडी विभाग को मानो नजर लग चुकी है। एक तो बड़े साहब के पद का मामला, दूसरा एक बड़े साहब का रंगीन वीडियो तो अब शराब का मुद्दा गर्म है। ये कहना गलत नहीं होगा कि लगातार जो मामले सामने आ रहे हैं, उसमें पीडब्ल्यूडी विभाग कम और शबाबी मयखाना ज्यादा लगता है। इन दिनों एक और वीडियो की बड़ी चर्चा है। जब निर्माण भवन में ही अफसर के साथ ओएसडी की पार्टी हुई। पार्टी में जाम झलके तो जमकर माखौल भी उड़ाया गया। वो गाना है न कि ‘थोड़ी सी जो पी ली है चोरी तो नहीं की है’,लेकिन माखौल वो भी सीधा हाईकमान। अरे साहिबों कम से कम कैमरा के साथ रिकॉर्डिंग पर भी नजर रखा करिए। कभी कभी बड़ा भारी पड़ जाता है। अफसरों तो भुला भी दें पर माननीय तो गाना गा रहे हैं। अब आपका क्या होगा। सुना है मामला तो ऊपर पहुंच गया है। जल्द ही गाज की आवाज भी सुनाई देगी। खेर, इस कांड से नई कहावत ने जन्म लिया है। बड़े ठेकेदारों की न दोस्ती अच्छी न दुश्मनी।

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अरे हम न जाएंगे सिंहस्थ

प्रयागराज में कुंभ की जबरदस्त धूम मची हुई है तो वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश में भी उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ तैयारी की जा रही है। लेकिन प्रदेश के सरकारी अधिकारी हैं कि सिहस्थ कुंभ से दूरी बनाने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। दरअसल, हुआ यूं कि सिंहस्थ के लिए अफसरों की नई टीम तैयार की जा रही है। ऐसे अफसर को चुना जा रहा है, जो अपने-अपने काम में नाम कमा चुके हैं। वैसे कुछ अफसरों का चयन किया भी जा चुका है। कुछ में बदली तो कुछ नए नाम की तलाश की जा रही हैं। अब दिक्कत ये कि उज्जैन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का गृह जिला है और गलती की कोई गुंजाइश संभव नहीं। लिहाजा, अधिकारी भी सिंहस्थ के नाम से ही दूर भाग रहे हैं। हाल ही में नगरीय विकास आवास विभाग और पीएचई के अफसरों ने अपने नाम वापस लेने के लिए वरिष्ठों से सिफारिश की। लेकिन कुछ कर्मठ ऐसे अधिकारी भी हैं, जो अपनी तैनाती के लिए जोर लगा रहे हैं. हालांकि, ऐसे अधिकारियों को उंगली पर गिना जा सकता है। अब अफसरों को कौन समझाए कि मुट्ठी पर अधिकारियों के बस का सिंहस्थ नहीं है। अपना तो यहीं कहना है हर हर महादेव नाम लीजिए और काम पर चलिए।

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कांग्रेस की बैठक में दिखने लगे छिंदवाड़ा के विधायक

छिंदवाड़ा में कमलनाथ का कुछ समय पहले तक जलवा हुआ करता था। लेकिन 2023 और 2024 में मिली कमलनाथ परिवार को हार के बाद ऐसा लगता है कि उनके करीबी भी भविष्य तलाश रहे हैं। एमपी कांग्रेस में ये माना जाता था कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ कांग्रेस है, वहां के फैसले सिर्फ कमलनाथ लेते हैं। पहले कांग्रेस की बैठक में छिंदवाड़ा जिले के विधायक नजर भी नहीं आते थे. लेकिन अब हर बैठक में विधायक पहुंच रहे हैं। कांग्रेस में चर्चा है आखिरी ये बदलाव क्यों?

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दिल्ली में अध्यक्ष जी की बुराई

दिल्ली विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। एमपी के दो युवा नेताओं को कांग्रेस ने चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दे रखी है। बताया जाता है दोनों नेता एक कैफे में बैठकर कॉफी पी रहे थे और इसी दौरान एमपी अध्यक्ष जी की खूब बुराई की जा रही थी। किसी ने इस दौरान का फोटो भी क्लिक कर लिया। दोनों नेता विधायक भी रह चुके हैं। एक ग्वालियर-चंबल से आते हैं तो दूसरा दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र से आते हैं।

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