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प्रदेश कार्यालय है न
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बीजेपी कार्यकर्ताओं की कहीं सुनवाई हो न हो, लेकिन प्रदेश कार्यालय में हो ही जाएगी. कार्यकर्ताओं का ये भरोसा इन दिनों और कड़ा हो गया है. अपनी समस्याएं लेकर कार्यकर्ता आते हैं तो उनको उचित सम्मान देने के साथ उनके कहे अनुसार कार्यालय के नंबरों से फोन भी घनघना दिए जाते हैं. कार्यकर्ताओं का काम कितना हो पाएगा ये अलग बात है, लेकिन यहां से जाते समय हर किसी के चेहरे पर संतुष्टि का भाव नजर आता है.
कांग्रेसियों की रहने लगी मोबाइल पर नजर
कांग्रेस मीडिया विभाग में खुली बात आम बात होती थी. मुद्दा कोई भी ऑफ कैमरा खुलकर बात ही रहती थी. लेकिन कुछ दिनों से माहौल बदल गया है. मीडिया विभाग के सदस्यों को लगने लगा है कि पता नहीं कब कौन मोबाइल चालू कर वीडियो-ऑडियो बना ले. इसलिए सोच-समझकर और चेहरे देखकर ही अब खुले में बात हो रही है. दरअसल बजट वाले दिन मीडिया सेंटर का एक वीडियो वायरल हो गया था. इस घटना के बाद पूरा मीडिया सेंटर सचेत हो गया है.
‘ठेके’ के चक्कर में लग गया बोर्ड
मध्यप्रदेश कांग्रेस दफ्तर में रिनोवेट का कार्य तेजी चल रहा है. कांग्रेस दफ्तर अंदर से पूरी तरह से रंगरोगन के साथ-साथ पूरी तरह बदला बदला नजर आ रहा है, लेकिन कांग्रेस दफ्तर बंद होने के बोर्ड ने पूरी रेनोवेशन की किरकिरी कर दी. कांग्रेस अंदर खाने की खबर है कि कांग्रेस दफ्तर का चेहरा बदलने का जिस ठेकेदार को दिया था उसे निर्देश दिए गए थे, बोर्ड लगाने के बाद कांग्रेस दफ्तर बंद होने का टाइमिंग लिखा हुआ बोर्ड लगाया गया था. दफ्तर को हाईटेक बनाने के चक्कर में पार्टी की फजीहत हो गई. अब नेता उसे ढूंढ रहे है जिसका ये आइडिया था.
क्लीनचीट देने पर नाराज हुए अध्यक्ष जी
कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर कांग्रेस दफ्तर में स्वागत को लेकर शहर अध्यक्ष और जिला जिलाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया. जिसको लेकर पार्टी में जमकर घमासान मचा, लेकिन कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार इन दोनों का निलंबन जल्द वापस होगा और इसकी जानकारी दोनों अध्यक्षों को कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दे दी है. क्लीनचिट देने की जानकारी जब पीसीसी चीफ को लगी तो वो नाराज हो गए और नेताजी पर भड़क गए और कहां आपने दोनों को क्लीनचिट क्यों दी ?
मंत्री जी का बंगला और ‘शौक’ अपना-अपना
मध्यप्रदेश सरकार बने 7 महीने हो गए हैं, लेकिन कई मंत्रियों को बंगले नहीं मिले हैं और कई मंत्रियों के बंगले अभी तैयार हो रहे हैं. जानकारी लगी है कि मध्य प्रदेश सरकार के कद्दावर नेता ने अपने बंगले के अंदर लोहे के पिलर लगवाए हैं, जिससे इंजीनियर भी परेशान है. आखिर साहब ने ये क्यों करवाया और अब लोहे के पिलर लगवाकर साहब खुश है. वहीं मोहन सरकार में भारी भरकम विभाग संभाल रहे एक मंत्री जी ने अपना बंगला बनवाने के लिए मूल स्ट्रक्चर ही पूरी तरीके से बंगले का बदल दिया है.
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