कैमरे के सामने आने से नेताओं को परहेज

नेतागिरी का पहला फॉर्मूला ही यही है कि जितना अधिक हो सके, कैमरों के सामने चमको। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के निवास पर हुए कार्यक्रम में कई नेता कैमरों से बचने के जतन करते देखे गए। दरअसल ये नेता शुभकामना संदेश लेकर आए थे, इस बीच कुछ कैमरे चालू हुए तो उन्होंने तस्वीरों में कैद होने से बचने के जतन किए। इन नेताओं का मानना रहा होगा कि यहां की तस्वीरें भविष्य के राजनैतिक करियर में कहीं बाधा न बन जाएं।

इस बंगले का अलग ही सिस्टम है

मध्य प्रदेश में पूरे तीन साल बाद स्वैच्छिक तबादलों का दौर शुरू हुआ है। तबादलों को लेकर सबके अपने-अपने नियम धरम हैं। ट्रांसफर को लेकर एक बंगले का अलग ही सिस्टम तय हो गया है कि फलां व्यक्ति आएगा तो फलां से ही मिलेगा। हालांकि यह सिस्टम जरूरतमंदों को भी भा रहा है, क्योंकि उन्हें अपने काम के लिए सीधी बात करने का रास्ता हो मिल गया है।

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सवालों में पुलिस

चंबल अंचल में तैनात एक जिले के पुलिस कप्तान कुछ पत्रकारों से इतनी नाराज है कि आरोप है उन्होंने पत्रकारों को ऑफिस बुलाकर चप्पल से पिटाई करवा दी। यह पत्रकार लगातार पुलिस महकमें में की कारगुजारियों को उजागर कर रहे थे। पत्रकारों की पिटाई के बाद उनके परिवारों को झूठे केस में फसाने की धमकियां भी मिल रही हैं। जिसके बाद पत्रकारों ने जिले से परिवार के साथ पलायन कर लिया है। इससे पहले भी भोपाल के अंदर एक पत्रकार पर झूठी FIR को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे।

पहलगाम घटना के बाद एमपी कांग्रेस के एक दिग्गज नेता को दिल्ली से घनघनाया गया फोन

पहलगाम आतंकी हमले के बाद AICC ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को लेकर गाइडलाइन जारी की और बताया की शीर्ष नेतृत्व का पहलगाम घटना को लेकर स्टैंड क्या है। गाइडलाइन जारी होने के बावजूद अलाकमान कई नेताओं को लेकर चिंता में था जो हमेशा पार्टी की लाइन से हटकर बयान देते हैं और जिसके बाद पार्टी घिर जाती हैं, उन तमाम नेताओं को आईसीसी से फोन लगाए गए और पहलगाम हमले पर चुप रहने के निर्देश दिए गए, उसमें मध्य प्रदेश कांग्रेस के एक दिग्गज नेता भी शामिल है जो हमेशा अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।

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ग्वालियर में संविधान बचाओ रैली के पीछे का मकसद ?

देशभर में संविधान बचाओ रैली का आयोजन कांग्रेस की तरफ से किया गया। हर राज्य में बड़ी जनसभा की गई। मध्य प्रदेश में भी संविधान बचाओ रैली का आयोजन किया गया। एमपी कांग्रेस ने संविधान बचाओ रैली ग्वालियर में की। ग्वालियर करने के पीछे की वजह सामने आई है कि पूरे मध्य प्रदेश में ग्वालियर चंबल इलाके में ही कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा विधायक और जनाधार वाले नेता हैं जो पैसा भी खर्च कर सकते हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए रैली को ग्वालियर में शिफ्ट किया गया। पहले पार्टी किसी और संभाग में रैली करने की तैयारी कर रही थी।

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