(सुधीर दंडोतिया की कलम से)

टोटका, बीवी और मंत्रालय के अफसर 

बीते दिनों मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी के कक्ष के बाहर हुए टोटके के मामले में बड़ा अपडेट है। दरअसल, मामले को लेकर मंत्रालय में चर्चाओं का माहौल बहुत गर्म है। बताया जा रहा है कि साहब का ड्राइवर ही इस कांड के पीछे है। लेकिन साहब मामले को लेकर ड्राइवर के खिलाफ आवाज उठा पाने में भी सक्षम नहीं है। सुर्खियों का माहौल इस बात को लेकर गर्म है कि जिस ड्राइवर ने यह कांड किया, उसकी पत्नी भी साहब के बंगले पर काम करती है। भले ही सब को उनका ड्राइवर सोशल मीडिया पर फॉलो न करे, लेकिन पत्नी जरूर करती है। चर्चा इस बात की भी है कि साहब और ड्राइवर की पत्नी के बीच गहरी दोस्ती है। जब इस बात की भनक सबूत के साथ ड्राइवर को लगी तो बदले ने जन्म लिया। सुनने में आया है कि साहब, ड्राइवर की सेवाएं भी नहीं ले रहे हैं। मंत्रालय में टोटके का मामला एक सीसीटीवी में कैद है। बड़े केबिन के बड़े साहब के निर्देश पर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

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मामला सुनकर मंत्री जी सुन्न हो जाते हैं

पीडब्ल्यूडी में इन दिनों कुछ बेहतर नहीं चल रहा है। वैसे यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह एक ऐसा विभाग है जहां किसी की भी कॉलर सफेद नहीं। इन दोनों एक आईएनसी महोदय का मामला सुर्खियों में है। मामला बड़े साहब की पोस्टिंग और जाति को लेकर है। मंत्रालय में इस बात की जमकर चर्चा है कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर बड़ी पोस्ट पर सब सेट हुए। यह पोस्टिंग भी नियम को ताक पर रखकर हुई। लिहाजा काले को पीला और पीले को काले करने में महारत हासिल पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी जुट गए। वैसे मंत्रालय में एक अपात्र अधिकारी को कक्षा आवंटन का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है। बताया यह भी जा रहा है कि मंत्री जी मामले को सुनकर आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं।

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आलाकमान के पास पहुंचे कांग्रेस के करीब 10 पूर्व विधायक

मध्यप्रदेश कांग्रेस में एक दूसरे को निपटाने का खेल जारी है। खबर है कि कांग्रेस के करीब 10 पूर्व विधायक मौजूदा नेतृत्व की शिकायत करने पहुंचे थे लेकिन समय नहीं मिल पाया। नेता भी हार मानने के लिए तैयार नहीं है। अब फिर से मुलाकात को लेकर दिल्ली जाने की रणनीति बना रहे हैं। उधर खबर है कि निमाड़ के कांग्रेस के बड़े नेता की जमीन मामले पर दिल्ली में शिकायत की गई है। 

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नई कार्यकारिणी का ऐलान, कई नेताओं को लगा झटका

10 महीने के बाद जीतू पटवारी ने अपनी टीम का तो ऐलान कर दिया, लेकिन कई दावेदार इस लिस्ट से बाहर हैं, जिन्हें जगह नहीं मिली। अब वो नाराज बताए जा रहे हैं। बताया जाता है कि इन नेताओं को बड़े नेताओं ने कार्यकारिणी में शामिल करने का आश्वासन भी दिया था। जिसके बाद से वो उपचुनाव में पसीना भी बहा रहे थे। लेकिन उनके हाथ निराशा लगी है। अब देखना होगा कि नाराजगी का ज्वाला फटता है या शांत हो जाता है। क्योंकि इस आग को कई लोग पीछे से हवा भी दे रहे हैं।

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मुखबिर का पता लगाने में जुटे मंत्री जी

मध्यप्रदेश सरकार के एक मंत्री के डिपार्टमेंट की खबर लीक हो गई, जिससे उनकी काफी किरकिरी हुई। इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि मंत्री इतने नाराज हुए कि अपने पूरे स्टाफ की क्लास लगा दी। मंत्री ने अपने स्टाफ से बारी-बारी पूछताछ भी की, लेकिन हरिराम नाई का पता नहीं लग पाया और सभी ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। अब मंत्री जी खुद अपने स्तर पर तलाश में जुट गए हैं कि आखिर घर का भेदी कौन है?

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