स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय चेस खिलाड़ी आर. वैशाली स्पेन के एल लोब्रेगाट ओपन में ग्रैंडमास्टर खिताब हासिल करने वाली देश की तीसरी महिला खिलाड़ी बन गई हैं. इसके साथ ही वैशाली अपने भाई आर. प्रज्ञानानंदा के साथ मिलकर दुनिया की पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी बन गई हैं. वैशाली ने यह उपलब्धि 2500 ईएलओ रेटिंग अंक पार करने के बाद हासिल की. वह देश की 84वीं ग्रैंडमास्टर (जीएम) हैं. उनके अलावा कोनेरू हम्पी और डी. हरिका भारत की दो अन्य महिला ग्रैंडमास्टर खिलाड़ी हैं. हम्पी जीएम खिताब हासिल करने वाली दुनिया की सबसे युवा महिला खिलाड़ी हैं. वह 15 वर्ष की उम्र में 2002 में जीएम बनी थीं.

वर्षों तक चेस में भारत का परचम लहराने वाले पूर्व विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ (पूर्व में ट्वीटर) पर वैशाली को जीएम बनने की बधाई दी है. आनंद ने लिखा कि पिछले कुछ महीनों में वैशाली ने काफी मेहनत की है और यह अच्छा संकेत है क्योंकि वह कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए तैयारी कर रही है. उनके माता-पिता को बधाई. वैशाली के पिता रमेशबाबू खुद एक चेस खिलाड़ी हैं और उन्होंने ही अपने बच्चों को इस खेल में आने के लिए प्रोत्साहित किया है.

स्पेन में चेन्नई की 22 वर्षीय वैशाली ने दूसरे राउंड में तुर्की की तैमर तारिक सेल्बेस को हराया. वैशाली ने अक्टूबर में कतर मास्टर्स टूर्नामेंट में तीसरी जीएम नॉर्म हासिल की थी और उन्हें अपनी ईएलओ रेटिंग बढ़ाने की जरूरत थी. इस तरह प्रज्ञानानंदा और वैशाली विश्व चैम्पियनशिप मैच के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट कैंडिडेट्स में जगह बनाने वाली पहली भाई-बहन की जोड़ी भी बन गए. कैंडिडेट्स टूर्नामेंट अप्रैल में टोरंटो में खेला जाएगा. वैशाली के छोटे भाई प्रज्ञानानंदा ने 2018 में जीएम खिताब हासिल किया था जब वह महज 12 वर्ष के थे.

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