रायपुर। बदली रणनीति के तहत माओवादी मोर्चे पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. सुरक्षा बलों ने 1 महिला सहित 6 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. जिनका शव बरामद कर लिया गया है. वहीं बड़ी मात्रा में गोला बारुद भी बरामद हुआ है.

स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने प्रेसवार्ता लेकर माओवादियों के खिलाफ शुरु किए गए अभियान प्रहार 2 शुरु किए जाने की जानकारी दी. सुरक्षा बलों द्वारा सोमवार की शाम से ऑपरेशन प्रहार 2 चलाया जा रहा है, जो कि लगातार अभी भी जारी है. सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर जिलों में 2 हजार से ज्यादा जवान मोर्चे पर हैं. स्पेशल डीजी ने बताया कि नारायणपुर के धुरबेड़ा में सुबह हुए इनकाउंटर में एक नक्सली की डेड बॉडी मिली और कुछ हथियार मिली थी, वहीं दोपहर तक इरपानार इलाके से 5 और नक्सलियों की डेडबॉडी बरामद कर ली गई है.

डीएम अवस्थी ने बताया कि नारायणपुर में ऑपरेशन की कमान एडिशनल एसपी अनिल सोनी ने संभाली है उनके नेतृत्व में एसटीएफ के डेढ़ सौ लोग जंगल में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में और भी कई माओवादियों के मारे जाने की उम्मीद है.

पहली बार नक्सलियों के गढ़ में घुसी फोर्स

ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी मात्रा में एक्सप्लोसिव मिला था. जिसे फोर्स ने नष्ट कर दिया है. इसके अलावा माओवादियों की वर्दी और दूसरे सामान भी ऑपरेशन में मिले है. अवस्थी के मुताबिक नारायणपुर के बीहड़ों में आज तक नक्सल अभियान नहीं चलाया गया था. नक्सलियों के गढ़ में यह पहली बार अभियान चलाया गया है.

प्रहार 1 में 20 से ज्यादा नक्सलियों की मौत

इसके पहले सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ प्रहार 1 चलाया था जिसमें 20 से ज्यादा नक्सलियों की मौत हुई थी. इस ऑपरेशन में 1500 से ज्यादा जवानों ने हिस्सा लिया था.

63 नक्सलियों की मौत

स्पेशल डीजी नक्सल डीएम अवस्थी ने बताया कि जनवरी 2017 से लेकर अभी तक सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 63 माओवादियों की मौत हो चुकी है. जिसमें 42 नक्सली ईनामी थे.

ऐसे बदली रणनीति

माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों को खासा नुकसान झेलना पड़ा था. माओवादी हमले में बड़ी संख्या में जवानों की मौत होने के साथ ही उनके हथियारों को भी लूटा गया था. 24 अप्रैल 2017 को सुकमा के बुर्कापाल इलाके में माओवादियों के हमले में 25 सीआरपीएफ जवानों की मौत हो गई थी.

इस हमले के बाद रायपुर पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सलियों के खिलाफ नई रणनीति के साथ निर्णायक लड़ाई लड़े जाने का ऐलान किया था. जिसके बाद दिल्ली सहित छत्तीसगढ़ में कई बार हाईलेवल की मीटिंग की गई और नक्सलियों के गढ़ में घुसकर उन्हें मारने की योजना बनाई गई.

नई रणनीति के तहत जून 2017 में ऑपरेशन प्रहार का आगाज़ किया गया था जिसमें फोर्स ने आक्रामक रुख अपनाते हुए नक्सलियों की मांद में घुसकर नक्सलियों का सफाया किया था. जिसमें 20 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया था. वहीं दर्जनों नक्सली घायल हो गए थे.