Pran-Pratistha Ceremony: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की जोरों-शोरों पर तैयारियां चल रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह को गुजरात के सूरत की 42 गर्भवती महिलाओं ने 21 बार राम नाम भक्ति भाव से विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में 21 बार ‘राम नाम’ को लिखा किया. यह अनूठी पहल यह दर्शाती है कि देशभर के विभिन्न हिस्सों में लोग प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अलग-अलग ढंग से अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं.

वहीं, गर्भ संस्कार काउंसलर अमीषा बेन ने 21 बार ‘राम नाम’ लिखने के महत्व को समझाया. इस पहल का उद्देश्य भक्ति की भाषा, राम की भाषा और कंपन के माध्यम से बच्चे के आध्यात्मिक और भावनात्मक स्तर को भगवान की ओर मोड़ना है. सतयुग से कलयुग तक, ‘राम’ कहकर दाह संस्कार किया जाता है. इस प्रकार, (Pran-Pratistha Ceremony) इस बात पर जोर दिया गया है कि राम के बिना, आदि और अंत दोनों संभव नहीं हैं. इस उद्देश्य के लिए यह कार्य अत्यंत ईमानदारी से किया गया है.

अमीषा बेन ने कहा कि भगवान राम का नाम विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में 21 बार लिखा गया है. यानी कुल 441 (21 x 21) बार. उन्होंने कहा कि संख्या 9 का महत्व अत्यंत शुभ माना जाता है. भगवान राम का जन्मोत्सव रामनवमी भी 27वें नक्षत्र पर पड़ता है, जो 9 का प्रतीक है.

गर्भवती महिलाओं में से एक विश्वा बेन ने कहा कि पूरा देश भगवान राम के आगमन का जश्न मना रहा है. हमने अपने बच्चों में राम जैसे गुण पैदा करने और खुशी व्यक्त करने के इरादे से भी राम का नाम लिखा है. मैंने भगवान राम का नाम 5000 बार लिखा है और जब मैंने यह मंत्र लिखा तो मुझे सकारात्मक ऊर्जा महसूस हुई.