Prashant Kishore Silent Fast: बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद जन सुराज के सुत्रधार प्रशांत किशोर ने आज गुरुवार को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम पहुंचे। आश्रम में उन्होंने एक दिवसीय मौन उपवास आरंभ किया। इस दौरान उनके साथ भोजपुरी गायक रितेश पांडे समेत कई अन्य नेता भी मौजूद थे। पीके ने मौन उपवास रखने के लिए उसी दिन को चुना है, जिस दिन नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में 10वें मुख्यमंत्री पद के रूप में शपथ ली।

हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद

सुबह-सुबह आश्रम पहुंचने के बाद प्रशांत किशोर ने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने मौन उपवास आरंभ किया। आश्रम परिसर में उन्हें देखने और समर्थन देने के लिए हजारों की संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक जुटे हुए हैं। पीके ने मौन उपवास को आत्मिक प्रायश्चित की प्रक्रिया बताई है। उन्होंने यह कदम इस प्रश्न के उत्तर की तलाश में उठाया है कि जनसुराज की तीन वर्ष की यात्रा के बाद भी जनता तक हमारा संदेश क्यों नहीं पहुंच पाया?

राजनीति से संन्यास लेने का किया था दावा

बता दें कि बिहार चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए यह दावा किया था कि, यदि इस चुनाव में जदयू की 25 से अधिक सीटें आ गई तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। हालांकि चुनाव के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि, उनके पास कोई पद नहीं है की वह संन्यास दे दें।

बिहार में कुल सीट 243 सीटें है इस बार NDA को 202 ​सीटें जिसमें BJP 89, JDU 85, LJP (R) 19, HAMS 5, राष्ट्रीय लोक मोर्चा 4 सीटें मिली है। वहीं महा गठबंधन की बात करें तो 36 सीटें इस बार और अन्य को 6 सीटें मिली है।

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