अजय शास्त्री/ बेगूसराय । जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बुधवार को बेगूसराय के नावकोठी प्रखंड स्थित एपीएस हाई स्कूल मैदान में ‘बिहार बदलाव सभा’ को संबोधित करते हुए राज्य की राजनीति और विकास के मुद्दों पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस बार लोग मंदिर, जाति या नेताओं के चेहरों को देखकर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को देखकर वोट करें। सभा में प्रशांत किशोर ने बिहार के युवाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि छठ के बाद 10-12 हजार रुपये की मासिक आय वाले रोजगार बिहार में ही उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे युवाओं को बाहर जाकर मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी।

शिक्षा के मुद्दे पर भी बड़ा ऐलान

प्रशांत किशोर ने शिक्षा के मुद्दे पर भी बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों में सुधार नहीं होता, तब तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा और सरकार उनकी फीस वहन करेगी, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी अच्छी और अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा पा सकें।

मंदिर के नाम पर वोट दिया

आपने मोदी को मंदिर के नाम पर वोट दिया, मंदिर बन गया। जाति के नाम पर नीतीश को वोट दिया, जाति गणना हो गई। लेकिन आपने अपने बच्चों के लिए कभी वोट नहीं दिया, इसलिए आज आपके बच्चे गुजरात की फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं।”

बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए

पीके ने आगे कहा इस बार मोदी, नीतीश या लालू के चेहरे को नहीं, अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट कीजिए। इस बार बिहार में जनता का राज आएगा, जिसमें हर वर्ग को समान अवसर मिलेगा।
प्रशांत किशोर ने खुद को ‘जामवंत’ और जनता को ‘हनुमान’ बताते हुए कहा कि अब जनता को किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है, सिर्फ आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि सरकार उनके अभियान से घबराई हुई है।

चुनावी दिखावा करार दिया

TRE-4 में डोमिसाइल नीति लागू करने के सरकार के फैसले को भी उन्होंने चुनावी दिखावा करार दिया और कहा कि यह कदम केवल आगामी चुनाव को देखते हुए लिया गया है, जबकि बिहार की दो-तिहाई नौकरियां हमेशा के लिए बिहार के युवाओं की होनी चाहिए।