बिलासपुर. पेन्ड्रा एवं मरवाही के दो कन्या छात्रावासों में पाई गई अनियमितता पर कार्रवाई करते हुए कलेक्टर के निर्दश पर एक अधीक्षिका को उसके मूल विभाग में भेज दिया गया और दूसरे को अटैच कर दिया गया है. इस मामले में एक दिन पहले ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी ने आदिम जाति कल्याण मंत्री प्रेमसाय सिंह को जांच के लिए पत्र लिखा था.

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग को शिकायत की गई थी कि पेन्ड्रा विकासखंड के सकोला स्थित प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास में गत दिवस शाम को कुछ लोगों ने अनाधिकृत प्रवेश करने का प्रयास किया. इस दौरान छात्रावास में अधीक्षिका रोशनी पॉल उपस्थित नहीं थीं. इस घटना की शिकायत पुलिस में भी की गई है, जिसकी जांच चल रही है. इसी तरह मरवाही विकासखंड के ग्राम रुमगा स्थित प्री मैट्रिक छात्रावास की अधीक्षिका के खिलाफ शिकायत थी कि वे रात में वहां नहीं रुकती हैं, इसके अलावा बालिकाओं को भोजन और दैनिक उपयोग की सामग्री ठीक से नहीं दी जाती है.

सकोला छात्रावास अधीक्षिका की गईं अटैच

कलेक्टर के निर्देश पर इन दोनों संस्थाओं की जांच सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रेशमा खान ने की. उन्होंने छात्राओं और कर्मचारियों से मौके पर जाकर बयान लिया. दोनों के विरुद्ध शिकायतों की पुष्टि होने पर कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त ने सकोला छात्रावास की अधीक्षिका रोशनी पॉल को सहायक आयुक्त कार्यालय बिलासपुर में अटैच कर दिया है तथा मामले की जांच के लिए प्रयास आवासीय विद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी जया सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है.

रुमगा छात्रावास अधीक्षिका मूल संस्था भेजी गईं

इसी तरह रुमगा के छात्रावास में व्याप्त अव्यवस्था तथा छात्राओं की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए अधीक्षिका गणेशिया अंटोने को मूल संस्था में वापस भेज दिया गया है. वह मूल रूप से शिक्षाकर्मी है, और व्यवस्था के अंतर्गत उन्हें छात्रावास में संलग्न किया गया था. रूमगा में विभागीय अधीक्षिका चंद्रप्रभा राठौर को प्रभार दिया गया है. सकोला छात्रावास का प्रभार पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास पेन्ड्रा की अधीक्षिका राधेश्वरी वाकरे को दिया गया है.

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