रायपुर.छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव  विवेक ढांड ने आज शाम अधिकारियों की बैठक लेकर राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारी के संबंध में विचार-विमर्श किया।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न मुकदमों का निराकरण सुलह समझौते के आधार पर करने के लिए 9 दिसम्बर को सभी तहसील न्यायालयो से लेकर उच्च न्यायालय तक राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। ये लोक अदालते सवेरे 10 बजे से रात्रि 8 बजे तक चलेंगी। छत्तीसगढ़ में भी राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा भी इसकी तैयारी की जा रही है। आज की बैठक में न्यायमूर्ति दिवाकर और मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय लोक अदालतों में निराकरण के लिए रखे जाने योग्य प्रकरणों के बारे में बातचीत की। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में उच्च न्यायालय के स्तर पर लंबित सेवा संबंधी मामलों जैसे-अनुकम्पा नियुक्ति, स्थानांतरण के मामले (विशेष रूप से जिन मामलों में पिटिशनर के पक्ष में स्थगन मिला हुआ हैं) और रिकव्हरी के मामलों को आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के जरिए निराकृत करने के बारे में चर्चा की गई।
इसके अलावा विभिन्न न्यायालयों में लंबित बिजली से संबंधित प्रकरणों को ध्यान में रखते हुए उनके उपशमन शुक्ल आदि के बारे में भी चर्चा हुई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि राष्ट्रीय लोक अदालतों में रखे जाने वाले मामलों के लिए समन, नोटिस की तामिली समय पर सुनिश्चित की जाए। आयोजन दिवस पर न्यायालय परिसरों में मुकदमों से संबंधित पक्षकारों और वकीलों की बैठक व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और साफ-सफाई आदि की व्यवस्था को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बैठक में वित्त विभाग के प्रमुख सचिव  अमिताभ जैन, ऊर्जा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के उपसचिव अभिषेक शर्मा सहित अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।