रायपुर. वन विभाग ने राज्य में चालू वर्ष 2020 में तेन्दूपत्ता संग्रहण की तैयारी के तहत शाख कर्तन कार्य में तेजी कर दी है. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने विभागीय अधिकारियों को सीजन में अच्छी गुणवत्ता का तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश में तेन्दूपत्ता का संग्रहण पारिश्रमिक वर्ष 2018 में दो हजार 500 रुपये प्रति मानक बोरा था, जिसे वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2019 में बढ़ाकर चार हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि वर्ष 2019 में 15 लाख 6 हजार 883 मानक बोरा तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक लगभग 603 करोड़ रुपए तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वितरित किया गया है. इसके फलस्वरूप तेन्दूपत्ता संग्रहण में वर्ष 2018 की दर की तुलना में वर्ष 2019 में लगभग 226 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय तेन्दूपत्ता संग्राहकों को हुई है.

प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ संजय शुक्ला द्वारा हाल ही में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षकों और 31 जिला यूनियनों के प्रबंध संचालकों को तेन्दूपत्ता संग्रहण के सुुचारू संचालन संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में 31 लघु वनोपज सहकारी यूनियनों के माध्यम से 901 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के जरिये तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य होता है.

प्रदेश में वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण के पूर्व क्षेत्र में शाख कर्तन का कार्य संचालित है. इसे आगामी माह मार्च के प्रथम सप्ताह तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए. अच्छी गुणवत्ता का तेन्दूपत्ता संग्रहित होने से तेन्दूपत्ता संग्राहकों को अधिक पारिश्रमिक के साथ-साथ उन्हें उनके द्वारा संग्रहित मात्रा के अनुपात में अधिक से अधिक प्रोत्साहन पारिश्रमिक (बोनस) भी प्राप्त होता है.

जिला यूनियनों को शाख कर्तन कार्य के सुचारू रूप से संचालन के लिए आवश्यक राशि लगभग 11 करोड़ रूपये उपलब्ध करायी गई है, ताकि तेन्दूपत्ता संग्राहकों को शाख कर्तन कार्य का भुगतान समय से किया जा सके.

इसी तरह तेन्दूपत्ता संग्रहण के पूर्व गोदामों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. इनमें गोदामों के मरम्मत संबंधी कार्य फरवरी माह तक अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देशित किया गया है.