नई दिल्ली . दिल्ली में मोहल्ला बसों के परिचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके तहत अगस्त में 25 रूट पर ये बसें चलने लगेंगी. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने मेट्रो स्टेशन से बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 152 रूट प्रस्तावित किए हैं. मेट्रो स्टेशन के आस-पास ये रूट 10-12 किलोमीटर के दायरे में हैं.

दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक विकास कुमार ने बताया कि लास्ट माइल कनेक्टिविटी हमारी पहली प्राथमिकता है. सरकार के साथ मिलकर हम इसपर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मेट्रो की फीडर बसें वर्तमान में दिल्ली सरकार चला रही है. दिल्ली में 2 हजार से अधिक मोहल्ला बसें भी चलाने की तैयारी है. इसलिए हमने मेट्रो के साथ बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 152 रूट का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि पहली बार हमने इन 152 रूट के अलावा आर्टिफिशियल इटेलीजेंस के जरिए 25 रूट भी तैयार किए हैं. ये सभी रूट उत्तर-पश्चिमी दिल्ली इलाके में है. AI का इस्तेमाल पायलट योजना के तहत है. यह सफल रहा तो हम भविष्य में भी AI की मदद से कार्य करेंगे.

मेट्रो ने बताया कि मोहल्ला बसों के रूट तय करने के लिए दिल्ली को 4 क्लस्टर में बांटा गया है. इसमें पूर्वी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और बाहरी दिल्ली के इलाके शामिल हैं. इनमें जिन इलाकों को शामिल किया गया है, इसमें कश्मीरी गेट, शास्त्रत्त्ी पार्क, ईस्ट विनोद नगर, मयूर विहार फेज-2, दिलशाद गार्डन, जीटीबी नगर, गोकलपुरी, लक्ष्मी नगर, आनंद विहार और विश्वविद्याल मेट्रो स्टेशन शामिल हैं. नॉर्थ क्लस्टर में विश्वविद्यालय, मॉडल टाउन समेत अन्य इलाकें शामिल है.

1100 से ज्यादा ई-ऑटो मेट्रो स्टेशनों से चल रहे

मोहल्ला बसों के लिए रूट मेट्रो स्टेशन के 10 किलोमीटर के दायरे में तय किए गए हैं. साथ ही 1163 ई-ऑटो अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों से चल रहा है. भविष्य में ई-बाइक टैक्सी चलाने की भी योजना है.

ट्रायल की प्रक्रिया पूरी

मोहल्ला बस सरकार की मौजूदा DTC की सामान्य बसों से छोटी है. 9 मीटर वाली ये बसें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और वातानुकूलित है. इसमें कुल 23 सीटें होगी, जिसमें 25 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगी. इसका किराया भी DTC बसों के किराए के आधार पर होगा. सरकार इन बसों के लिए 16 डिपो तैयार कर रही है. दिल्ली में इन बसों का ट्रायल सर्कुलर रूट पर किया जा चुका है. उम्मीद है कि अगस्त से गाजीपुर डिपो, कुशक नाला रोड डिपो से इनका परिचालन भी शुरू कर दिया जाएगा. पहले चरण में अलग-अलग इलाके में 25 रूटों पर इसका परिचालन होगा.