विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में 27 की तैयारियों में सभी पार्टियों ने अपने अपने हिसाब से समीकरण तैयार करना शुरू कर दिया है. ऐसे में यूपी कांग्रेस में सियासत की केंद्र मानी जाने वाली प्रियंका वाड्रा को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद की जा रही है. साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अब अपनी कार्यकारिणी में बड़ा बदलाव करने की कोशिश में है. एक तरफ प्रियंका गांधी को चुनाव प्रभारी या प्रदेश प्रभारी बनाने की कोशिशें तेज हो चली है. तो दूसरी तरफ किसी बड़े मुस्लिम चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. जिसमें इमरान प्रतापगढ़ी या नसीमुद्दीन सिद्दीकी सरीखे नेताओं की लॉटरी लग सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस महज कागजों में ही समीकरण बनाकर रहती थी. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा से उसका गठबंधन उले फायदा दे गया. ऐसे में 6 सीट लोकसभा में जीतकर पार्टी अब 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है.

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कार्यकारिणी में बदलाव क्यों है जरूरी?

यूपी कांग्रेस की टॉप थ्री की लिस्टिंग करें तो तीनों बड़े नेता सवर्ण जाति से आते हैं. जिसको लेकर अंदरखाने चर्चा भी बहुत तेज है. बात करें प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की तो वे ब्राह्मण समाज से आते हैं. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भूमिहार ब्राह्मण समाज से आते हैं. नेता प्रतिपक्ष आराधना मिश्रा भी ब्राह्मण समाज से हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी के साथ कम से कम दो सीट दलित नेताओं को मिलने की चर्चा की जा रही है.

यूपी में नहीं चला प्रियंका का सिक्का

हालांकि पुराने आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 से 2022 तक प्रियंका गांधी यूपी की प्रभारी रही हैं लेकिन उनका सिक्का यूपी की सियासत में कुछ खास नहीं चला. इसके साथ ही उनके सहयोगी संदीप सिंह को लेकर भी कई बातें सामने आई हैं. जबकि संगठन में संदीप सिंह का दखल कुछ ज्यादा ही देखने को मिला था. जिनकी वजह से कई बड़े नेता जैसे जीशान हैदर ने पार्टी छोड़ने का निर्णय किया था.