दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नए टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। यह देश के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता था। सूत्रों के मुताबिक यह मॉड्यूल भारत में जिहाद छेड़कर ‘खिलाफत’ कायम करने की साजिश रच रहा था। इसके लिए पाकिस्तानी हैंडलर ने दुबई या नेपाल में एक मीटिंग शेड्यूल की थी। यहीं पर इस साजिश का फाइनल ब्लूप्रिंट तैयार किया जाना था।
इंटेलिजेंस यूनिट से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इस मॉड्यूल के सरगना अशहर दानिश को फिदायीन दस्ता तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया था। आफताब कुरैशी और सुफियान अबू बकर को इसमें सहयोग करना था स्पेशल सेल ने 10 सितंबर को दानिश को झारखंड से गिरफ्तार किया था। अभी दानिश और कामरान कुरैशी 12 दिन की रिमांड पर हैं। इनसे स्पेशल सेल, आईबी और राज्यों की एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।
दिल्ली था बड़ा टारगेट, मिले ये सामान
सूत्रों के मुताबिक, दानिश और कामरान के पास से IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई कैमिकल मिले हैं। इनमें सल्फर पाउडर, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट, पीएच वेइंग चेकर, बॉल बेयरिंग, तार, मदरबोर्ड, लैपटॉप, मोबाइल फोन, हथियार और कारतूस शामिल हैं। इनके अलावा दिल्ली के कुछ इलाकों से जुड़े नक्शे और दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। इससे पता चलता है कि राजधानी दिल्ली इनका बड़ा टारगेट थी।
यूपी के हिंदूवादी नेता थे निशाने पर
जांच में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ रहे थे । वे सिग्नल ऐप और टेलीग्राम से पाक हैंडलर के संपर्क में थे। वह भारत में इस्लामिक युवाओं के जरिए गाजा मुद्दे पर बड़ा विरोध प्रदर्शन कराना चाहते थे और उसकी आड़ में कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाना चाहते थे। सूत्रों ने बताया कि इस मॉड्यूल के टारगेट पर हिंदूवादी नेता और एक बड़े संगठन के प्रचारक भी थे। हालांकि, अधिकारियों ने आधिकारिक तौर पर नाम नहीं बताया है। मगर सूत्रों ने बताया कि एक हिंदूवादी नेता उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं।
मेवात से मिल रही थी फंडिंग
स्पेशल सेल ने अब तक पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनमें झारखंड के बोकारो निवासी अशहर दानिश (24), मुंबई के कल्याण निवासी आफताब कुरैशी ( 25 ), मुंबई के मुंब्रा निवासी सुफियान अबू बकर खान (20), तेलंगाना के नरसापुर निवासी मोहम्मद हुजैफ यमन ( 20 और मध्य प्रदेश के राजगढ़ निवासी कामरान कुरैशी (26) शामिल हैं। इसके अलावा दो दर्जन से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ चल रही है। सूत्रों ने बताया कि इन आतंकियों को मेवात से फंडिंग और हथियारों की सप्लाई मिल रही थी।
फिदायीन बनने को थे तैयार
इनका एक टेलीग्राम ग्रुप भी था, जिसमें तारिक मसूद, तारिक जमील और जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी मौलवियों के वीडियो शेयर किए जाते थे। इसमें शामिल लोग गजवा-ए-हिंद और भारत में खिलाफत कायम करने के लिए फिदायीन बनने को तैयार थे। आतंकियों को पाक हैंडलर लगातार गाइड कर रहा था । उसने इन्हें जमीन खरीदकर वहां से गजवा-ए-हिंद की शुरुआत करने और कच्चे माल से खुद हथियार बनाने के निर्देश दिए थे। वह विडियो और हथियारों के ब्लूप्रिंट भेजता था ताकि वे केमिकल बम, गोलियां बना सकें। अधिकारियों का कहना है कि यह मॉड्यूल अब तक ध्वस्त बाकी मॉड्यूल से अलग और ज्यादा खतरनाक है।
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