पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. जिले में एक पुलिया चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है. जी हां, छड़ सीमेंट और मुरुम से बनी एक पुलिया चोरी हो गयी है, ये बात सोलह आने सच है, इस घटना के बाद संबंधित विभाग में हड़कंप मच गया है. प्रशासन ने पुलिया को खोजने के लिए जांच भी शुरु कर दी है.
गरियाबंद में भ्रष्टाचार किस कदर हावी है, अधिकारी और ठेकेदार किस तरह योजनाओं को पलीता लगाने में जुटे है, इसकी एक बानगी देवभोग विकासखंड के भतराबहली गांव में देखने को मिली है. 29 जून को गांव में ग्रामसभा की बैठक रखी गई थी. जिसमें 2015-16 के कार्यों का ऑडिट किया जा रहा था.जनपद मुख्यालय से पहुंचे जितेन्द्र टंडन एक-एक कार्य का अंकेक्षण कर रहे थे.
इसी दौरान उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत 2015-16 में स्वीकृत 9 लाख 80 से गांव में चेतन सोरी के घर से डोंगरीपारा तक सीसी रोड और एक पुलिया का निर्माण हुआ है. जिसमें पुलिया निर्माण में मटिरियल के नाम पर भी 1 लाख 85 हजार की राशि आहरण की गई है. ग्रामीण अधिकारी की बात सुनकर बैठक में मौजूद सभी सदस्य चौक गये. सीसी रोड का निर्माण तो हुआ था, लेकिन पुलिया निर्माण का काम नहीं हुआ. गांव के सरपंच, पंचायत सचिव जयलाल नागेश और रोजगार सहायक गोपबंधु भी पुलिया निर्माण नहीं होने की बात कह रहे है. यही नहीं ग्रामीणों ने इस मामले की जांच किये जाने की मांग की है.
कार्यक्रम अधिकारी जेआर रजक का दावा है कि सरपंच, सचिव या फिर रोजगार सहायक के हस्ताक्षर के बिना राशि आहरण नहीं हो सकती. वहीं इन तीनों ने पुलिया निर्माण नहीं होने और किसी प्रकार के हस्ताक्षर नहीं करने का दावा किया है. इस मामले में सबसे अहम बात ये है, कि प्रकरण की फाइल ही जनपद कार्यालय से गायब हो चुकी है. हालांकि देवभोग जनपद सीईओ विनय कुमार अग्रवाल फाइल ढूंढवाने का दावा कर रहे है. साथ ही दोषियों पर कार्यवाही किये जाने का आश्वासन भी विनय कुमार ने दिया है.