नई दिल्ली। नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो व सरायकेला की चामी मुर्मू को पद्मश्री से सम्मानित किया. पूर्णिमा महतो राष्ट्रीय तीरंदाजी कोच हैं. प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत हैं. चामी मुर्मू को लेडी टार्जन कहा जाता है. वे 30 लाख से अधिक पेड़ लगा चुकी हैं.

तीरंदाजी में शानदार करियर के बाद जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो ने अगली पीढ़ी के तीरंदाजों को तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित कोच के रूप में शुरुआत की. 2000 के बाद उन्होंने दो दशक से अधिक समय शीर्ष तीरंदाजी प्रतिभाओं को संवारने में लगाया. डोला बनर्जी, दीपिका कुमारी, कोमालिका बारी, प्रणिता और भजन कौर जैसे प्रतिष्ठित तीरंदाजों को इन्होंने प्रशिक्षित किया है.

पद्मश्री चामी मुर्मू 52 साल की हैं. इन्हें लेडी टार्जन कहा जाता है. पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में इनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. इन्हें देशभर में ‘सरायकेला की सहयोगी’ के नाम से जाना जाता है. ये सरायकेला-खरसावां जिले की हैं. पर्यावरण संरक्षण व महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में इन्होंने कार्य किया है. तीन हजार महिलाओं के साथ इन्होंने 30 लाख से अधिक पेड़ लगाए हैं.