दिल्ली. वातावरण में बदलाव से जहां पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ ठंड की मात्रा भी काफी बढ़ रही है। धरती पर जगह-जगह बर्फबारी हो रही है और बर्फ के कारण हर कुछ जमता हुआ नजर आ रहा है। कई लोग इस बात से चिंतित हैं कि एक तरफ जहां धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है वहीं ठंड से राहत क्यों नहीं मिलती नजर आ रही है। चिंता करने वालों में से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी हैं। उन्होंने अपने ट्विटर पर इस बात की चिंता जाहिर की है।

अमेरिका के मध्यपश्चिमी इलाके में तापमान माइनस 60 डिग्री तक पहुंच गया है, जो अब तक का दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट किया-आने वाले दिनों में और भी ठंड बढ़ने की उम्मीदें हैं। लोग घर के बाहर एक मिनट भी नहीं रह सकते हैं। जलवायु परिवर्तन (ग्लोबल वॉर्मिंग) को हो क्या गया है। प्लीज जल्दी आओ, हमें इसकी जरूरत है।

वैश्विक मौसम अनुमान के मुताबिक काफी लंबे समय के बाद वातावरण में इस तरह का बदलाव हुआ है। यहां तक कि एक दिन जब ठंड पड़ती है तब सारी दुनिया औसतन गर्म होती है। दिसंबर 2017 में भी एक बार कुछ ऐसा ही नजारा था। उस दौरान अमेरिका के कुछ भागों में 15 से 30 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था वहीं दूसरे भागों में 0.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था।

हालांकि दूसरी तरफ मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि सदी के अंत तक धरती का तापमान 2 डिग्री फारेनहाइट तक और बढ़ जाएगा। यह इस पर निर्भर करता है कि ग्रीनहाउस गैस कितनी तेजी से निकलता है। हालांकि इसका ठंड के कम होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा, ठंड वैसी ही रहेगी यहां तक कि समय दर समय ठंड की की स्थिति और भी बुरी होती जाएगी। 2009 में एक अध्ययन में पाया गया था कि अमेरिका में 1950 में तापमान काफी उंची-नीची देखी गई थी। साल 2000 में भी अमेरिका में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला था।