हेमंत शर्मा,रायपुर। बीजेपी के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने रायपुर के भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉंफ्रेंस कर छत्तीसगढ़ सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दो साल के कार्यकाल में नया रायपुर का विकास रुक गया है. विकास के कार्य में ठहराव आ गया है. यहां किसी प्रकार की गतिविधियां अब नहीं हो रही है. आज तक कई योजना पूर्ण नहीं हो पाई है. मंत्रालय बिल्डिंग की ऐसी स्थिति हो गई है कि अब ये उनकी पुताई तक नहीं करा पा रहे है. सरकार के पास मेंटनेंस के लिए पैसा नहीं है यह दुख की बात है. लेकिन क्रांकीट का जंगल खड़ा करने के लिए इनके पास पैसा है. आखिर सरकार की मंशा क्या है ? पिछले साल भी मेंटनेंस के लिए पैसा नहीं दिया था.

पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद तीन राज्य बने. जिसमें पहला राज्य छत्तीसगढ़ था. जिसने नया रायपुर की स्थापना की. जब 2003 के बाद बीजेपी की सरकार बनी, तब से नया रायपुर सुर्खियों में था. देश का एक नया शहर आम चर्चा का विषय बना था. केंद्र सरकार ने भी नया रायपुर की तारीफ की थी. 2017 में राज्य को तीन स्मार्ट सिटी मिली. लेकिन बड़े दुख के साथ इस बात को कहना पड़ रहा है कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 2 साल से नया रायपुर में ठहराव आ गया है. नया रायपुर को देखने को लिए देश-विदेश की हस्तियां पहुंच रही है, लेकिन कांग्रेस सरकार उसका ठीक से रख-रखाव नहीं कर पा रही है. यह सरकार की नाकामी है. इसके लिए उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत राज्य सरकार की ओर से 1700 करोड़ रुपए का प्रपोजल भेजा गया था. 800 करोड़ की स्वीकृति हुई है, लेकिन सिर्फ 237 करोड़ खर्च हुए है. नया रायपुर स्मार्ट सिटी के रूप में खड़ा हुआ था, लेकिन वर्तमान में उसका ध्यान नहीं रख पा रही, यह चिंता का विषय है. सरकार सिर्फ फोटो छपवाने का काम न करे. ये लोग तोड़फोड़ कर वाहवाही लूटना चाहते है. शहर में 400 करोड़ रुपये का स्मार्ट रोड बनना था, लेकिन एक रोड नहीं बना पाए. जिस चौक का सौंदर्यीकरण हो चुका है, उसे फिर से किया जा रहा है. बस स्टैंड दो साल से लोकार्पण का राह देख रहा है. बूढ़ातालाब में एक दिन में ही म्यूजिकल फाउंटेन बंद हो गया.

मूणत ने कहा कि रविवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप पूरी छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. स्मार्ट सिटी को लेकर बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलेगा. स्मार्ट सिटी में हुई अनियमितताओं के बारे में उन्हें विस्तार से बताया जाएगा. उनसे आग्रह किया जाएगा कि स्मार्ट सिटी के लिए दिए गए राशि के दुरुप्रयोग की जांच कराएं.