अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। कोविड सेंटर में एक ही नाम के दो शख्स का होने का खामियाजा प्रबंधन को उठाना पड़ा है. क्योंकि एक शख्स जो कैदी था, उसने मौका का फायदा उठाकर फरार हो गया. क्योंकि वह इलाज के बाद कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गया था. और जेल प्रहरी उसे जेल ले जाने के लिए सेंटर पहुंचने वाले थे. उसके पहुंचने के पहले ही नौ दो ग्यारह हो गया. इस लापरवाही को लेकर सीएमएचओ ने सफाई दी कि एक ही नाम के व्यक्ति होने के कारण चूक हो गई.

वहीं घटना के बाद जब पुलिस अस्पताल पहुंचे, तब कोविड सेंटर के स्टाफ स्थानीय पत्रकार को ले आई, तो जेल प्रहरी उसे पहचान गए. उन्होंने कहा कि ये हमारा आदमी नहीं है. तब स्टाफ घबरा गए. तब अस्पताल के भीतर कैदी की खोजबीन शुरू हुई, लेकिन उसका कही अता पता नहीं चला.

आरोपी मोहम्मद रज्जाक

 

घटना सोमवार शाम की है. पुलिस अब तक कैदी को पकड़ नहीं पाई है. कोविड सेंटर से अपराधी के फरार होने पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया जा रहा है. आखिर कैसे एक कैदी अस्पताल से फरार हो गया. दरअसल, उपजेल बलौदाबाजार से कोरोना संक्रमित पाए जाने पर कैदी को कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जेलर ने कैदी के फरार होने पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस फरार कैदी की तलाश में जुट गई है.

सीएमएचओ खेमराज सोनवानी ने बताया कि एक ही नाम के दो लोग उस दिन कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किये गए थे. इसी को लेकर कुछ तकनीकी चूक हुई है. आगे इस बात का और ध्यान रखा जाएगा की ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो.

बलौदाबाजार उपजेल के अधीक्षक अभिषेक मिश्रा ने बताया कि 16 सितम्बर को कोविड के रिपोर्ट के आधार पर NDPS के आरोपी मोहम्मद रज्जाक को जिला कोविड हॉस्पिटल सकरी में भर्ती कराया गया था, कल जिसको वहां से डिस्चार्ज करने की सूचना मिली थी, जिसको लेने हमारी टीम पहुंची थी, लेकिन कैदी वहां नहीं मिला. आसपास के इलाके में उसे ढूंढा भी गया लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. इसके बाद हमने सिटी कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई. अब इस मामले में पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.