जशपुर. आरबीआई ने अपने सभी एजेंसी बैंको को निर्देश दिया है कि सरकारी ट्रांजेक्शन और टैक्स भुगतान के लिए सभी शाखाएं खोली जानी हैं. जिसमें जीएसटी इनकम टैक्स या किसी सरकारी विभाग का भुगतान यदि करना है तो ये कार्य संपादित होंगे और अन्य नियमित ग्राहकों के लेनदेन बंद रहेंगे. लेकिन आरटीजीएस और नेफ्ट की सुविधा चालू रहेगी.

रिजर्व बैंक ने स्पष्ट निर्देश देकर कहा था कि यदि किसी ग्राहक को सरकारी भुगतान करना हुआ या टैक्स का चालान जमा करना हुआ तो वो बैंक जाकर कर किया जा सकता है. लेकिन यहां पर 31 मार्च को देखा गया है कि बिना किसी पूर्व सूचना के निजी बैंक की शाखाओं को बंद कर दिया गया है. जिससे कई उपभोक्ता अपने को ठगा सा महसूस करते रहे.

जब आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंधन के उच्च अधिकारी सुब्रता देव चंद्रा से इसके संबंध में जानकारी चाही गई तो गोलमोल जवाब देकर या सूची के अंतर्गत किन शाखाओं को खोला गया है ये याद नहीं है और अंत में ये कहा गया कि राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी के द्वारा सूचीबद्ध शाखाओं को खोला गया है शेष नहीं खोली जाएंगी.

अब समझना यह होगा कि बैंकर्स कमेटी ने क्या वाकई में कोई सूची जारी की है अथवा अधिकारी अपना बचाव करते हुए ठीकरा राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी पर फोड़ रहे हैं. बहरहाल सरकारी पैसे के पीछे भागकर सरकारी खाते खोलकर अपनी दुकान चलाने वाले निजी बैंकों को वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन सरकारी ट्रांजेक्शन के लिए अपनी दुकान बंद रखना और ऊपर से सरकारी नियमों का ही हवाला देना किस नियम के अंतर्गत आता है यह जानना जरूरी है.

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