सत्यपाल राजपूत, रायपुर. विद्यार्थियों को स्मार्ट बनाने के लिए जीवन कौशल कार्यक्रम चलाया जाएगा, इसके लिए SCERT और यूनिसेफ का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन रायपुर में किया गया है, जिसमें माॅडल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण मॉडल के तौर पर राजनांदगांव और दंतेवाड़ा जिला को चयनित किया गया है. यहां सफलता मिलने के बाद राज्य के सभी स्कूलों में ये प्रोग्राम संचालित किया जाएगा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर एससीआरटी संचालक राजेश सिंह राणा ने कहा कि NCERT में चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. यूनिसेफ के संयोग से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया है. प्रशिक्षण में शिक्षकों को लाइफस्टाइल को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण का मुख्य एजेंडा यही है कि अपनी पर्सनालिटी को लेकर परेशान बच्चों में साहस भरकर शिक्षा से कैसे जोड़ा जाए. इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है, फिलहाल राजनांदगांव दंतेवाड़ा जिलों के मास्टर ट्रेनरों को बुलाया गया है, जो ट्रेनिंग लेने के बाद स्कूलों में ट्रेनिंग देंगे.
54 फीसदी बच्चे अपनी पर्सनालिटी से नहीं है संतोष: जकारिया
शिक्षक ट्रेनिंग लेने के बाद बच्चों को सिखाएंगे और इसका अच्छा रिस्पॉन्स आया तो और भी जिलों में इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा. यूनीसेफ राज्य चीफ जॉब जकारिया ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे देश में 54 फीसदी बच्चे अपनी शारीरिक बनावट से संतुष्ट नहीं हैं. वजन, हाइट, रंग से संतुष्ट नहीं हैं. इसके कारण ऐसे लोगों में आत्म सम्मान आत्मविश्वास गिरता है, इसके कारण मानसिक स्वास्थ्य खराब होता है, टेंशन, डिप्रेशन के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है, ऐसे में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा. इसका मकसद है बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाना.साथ ही समाज में व्याप्त जेंडर भेद को हटाना. इसके लिए दो जिला का चयन किया गया है, जिसमें एक हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
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