नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र के 5वें दिन सदन में अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में हुए प्रदर्शन का मामला गूंजा. इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन को प्रदर्शन के दौरान रेलवे को हुए नुकसान के संबंध में जानकारी दी.

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ आंदोलन के दौरान रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. राज्यसभा में एक जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2022 में रेलवे संपत्ति के नुकसान या विनाश के कारण भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

यात्रियों को लौटाए गए 102.96 करोड़ रुपये

वैष्णव ने कहा कि “अग्निपथ योजना शुरू होने के बाद हुए आंदोलन की वजह से सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं में व्यवधान के कारण यात्रियों को दी गई धनवापसी की राशि के संबंध में अलग से डेटा नहीं रखा गया है. हालांकि 14 से 30 जून की अवधि के दौरान ट्रेनों को रद्द करने के चलते यात्रियों को कुल 102.96 करोड़ रुपये लौटाए गए थे”.

रेल मंत्री ने सदन को बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं. उन्होंने कहा कि “इसलिए राज्य सरकारें अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों जैसे सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) / जिला पुलिस के माध्यम से रेलवे पर अपराध की रोकथाम, पता लगाने, पंजीकरण और जांच समेत कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं”.

IPC और रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज होते हैं केस

मंत्री ने राज्यसभा को आगे बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने और उससे जुड़े मामलों के लिए जीआरपी (GRP) / जिला पुलिस के प्रयासों का पूरक है. रेलवे संपत्ति सहित सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, नष्ट करने से संबंधित मामलों में जीआरपी/राज्य पुलिस द्वारा IPC और रेलवे अधिनियम के तहत दर्ज और जांच की जाती है.

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