लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. जिले के डौंडी विकासखंड के ग्राम पंचायत पटेली में सरकारी आदेश के अनुसार 26 और 27 मार्च को 2 दिवसीय जनपद स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का आयोजन सरकारी व्यय में किया जाना है, जिसको लेकर जनपद पंचायत डौंडी के सीईओ अविनाश ठाकुर द्वारा कार्ड छपवा कर बटवा दिया गया है. कार्यक्रम की तैयारिया पूरी कर ली गई हैं. जिसका शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने विरोध करते हुए कार्यक्रम को 5वीं अनुसूची क्षेत्र में नहीं करने की बात करते हुए राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी समाज के प्रमुखों की माने तो डौंडी विकास खण्ड 5वीं अनुसूची क्षेत्र में आता है. सविधान के अनुसार अनुच्छेद 13(3) के तहत आदिवासी रूढ़ीजन व्यवस्था को विधि का बल प्राप्त है. लिहाजा ऐसी स्थिति में धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम करने से सविधान द्वारा प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. इस कारण हम सब समाज प्रमुखों की मांग है कि जो दो दिवसीय रामायण कार्यक्रम का आयोजन सरकारी व्यय में हो रहा है. वह नहीं होना चाहिए, नही तो छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएगा. ज्ञापन सौंपते वक़्त मुख्य रूप से आदिवासी समाज के रेवा रावटे ,मुकेश पौर्षाय ,सुनहरे कोसमा ,रोहित माहला ,बनवाली चिराम ,महेश सेवता उपस्थित रहे.

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गंगाराम ठाकुर सर्व आदिवासी समाज उपाध्यक्ष जिला बालोद ने बताया कि, डौंडी ब्लॉक 5वीं अनुसूची एरिया में आता है और पेसा कानून लागू होता है. जनपद सीईओ द्वारा कार्ड छपवा कर रामायण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. जिससे धारा13 (3) का उल्लंघन हो रहा है. इस कारण रामायण प्रीतियोगिता को स्तगित किया जाए. वरना आदिवासी समाज आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा.

वहीं डिप्टी कलेक्टर अविनाश ठाकुर ने बताया कि, आदिवासी समाज के प्रतिनिधि आए थे और उनकी आपत्ति थी कि पटेली में होने वाले संस्कृतिक विभाग से रामायण प्रीतियोगिता छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश में होने वाली थी. जो नहीं होनी चाहिए. उनकी प्रमुख आपत्ति यह थी कि यह 5वीं अनुसूची क्षेत्र है और उनकी पारंपरिक रूढ़ियों की अवहेलना हो रही है जिससे उनको आपत्ति है.