पाकिस्तान में पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार ने इस्तीफा दे दिया है. वहीं सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पीएमएल-क्यू नेता चौधरी परवेज इलाही को पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. पार्टी ने औपचारिक रूप से इसका एलान किया है.
इस एलान से कुछ समय पहले सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने संकेत दिया था कि पंजाब सरकार में एक “बड़ा बदलाव” होने वाला है. यह स्पष्ट है कि प्रांतीय सरकार में बदलाव का निर्णय लेना होगा. उनकी टिप्पणी आज पंजाब विधानसभा में विपक्ष द्वारा पंजाब के मौजूदा मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद आई है.
चौधरी ने शाहबाज गिल के साथ एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह घोषणा की. यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब विधानसभा अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करेंगे, चौधरी ने कहा कि बैठक आज हो रही है. मंत्री ने कहा, कई बड़े बदलाव होने वाले हैं.
चौधरी ने कहा कि ‘बड़े फैसलों’ का ब्योरा बहुत जल्द दिया जाएगा. पाकिस्तान में विपक्षी दल ने सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान के करीबी और पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कुछ ही हफ्ते पहले पेश किये गये अविश्वास प्रस्ताव के बाद विपक्ष ने यह कदम उठाया है.
पाकिस्तानी संसद (नेशनल असेंबली) के सचिवालय के समक्ष विपक्षी दलों ने गत आठ मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है.
बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत जल्दबाजी में लाया गया ताकि प्रधानमंत्री के हटाये जाने पर पंजाब विधानसभा को भंग करने की पीटीआई सरकार की संभावित योजना को पहले ही विफल कर दिया जाए. विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 52 वर्षीय बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव सौंपा जिसमें 127 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. विपक्ष ने एक प्रार्थनापत्र पेश करके विधानसभा सत्र के लिए अनुरोध किया है ताकि वह अविश्वास प्रस्ताव को सदन में रख सकें. अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बुजदार ने सदन का विश्वास खो दिया है.
अविश्वास प्रस्ताव के संकल्पपत्र में कहा गया है कि बुजदार ने 11 करोड़ की आबादी वाले पंजाब प्रांत के कामकाज को संविधान के अनुरूप नहीं संपन्न करके संविधान का उल्लंघन किया है. विपक्ष ने इसमें आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पिछले साढ़े तीन साल के दौरान लोकतंत्र की भावना के विपरीत काम किया है.
अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के बाद पीएमएल-एन के विधायक राणा मशहूद ने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी के खिलाफ भी अविस्वास प्रस्ताव लायेगा. राणा ने कहा कि दीवार पर यह साफ-साफ लिखा दिख रहा है कि इमरान और बुजदार अविश्वास प्रस्ताव का समाना नहीं कर सकेंगे, इसलिए दोनों के समक्ष सम्मानजनक विदाई लेने का एक ही रास्ता है कि इस्तीफा दे दें.
पीएमएल-क्यू सरकार की सहयोगी पार्टी है जिसके पास पंजाब विधानसभा में 10 सीट है, लेकिन इसने भी विपक्ष से हाथ मिलाने के संकेत दिये हैं. पीएमएल-क्यू ने कहा कि इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर उसे पंजाब के मुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया गया है. इमरान सरकार के खिलाफ आठ मार्च को लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के कारण पाकिस्तान का राजनीतिक पारा चढ़ता दिख रहा है, जिसका अगले हफ्ते के अंत तक परिणाम दिख सकता है.
इमरान सरकार को गिराने के लिए 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में विपक्ष को 172 मत की जरूरत होगी. 69 वर्षीय खान वर्ष 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आये थे, लेकिन वह मूलभूत समस्याओं से निपटने में नाकाम रहे जिससे विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया. नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उन्हें भी सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी.