चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अमृतसर को पवित्र शहर घोषित करने और शहर की सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिए कदम उठाने की मांग वाली जनहित याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। केएस राजू लीगल ट्रस्ट की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि पंजाब सरकार को शहर की सीमा के अंदर सिगरेट, तंबाकू उत्पाद, शराब और मीट की बिक्री व खपत पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया जाए।

याची ने बताया कि गुरु रामदास की ओर से 1577 में बसाया गया अमृतसर देश के सबसे पवित्र और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। यह श्री हरिमंदिर साहिब और श्री अकाल तख्त, दुर्ग्याणा मंदिर, राम तीर्थ मंदिर और गुरु के महल गुरुद्वारा, गुरु तेग बहादुर की जन्मभूमि जैसे पवित्र तीर्थस्थलों का घर है। इस शहर में हर दिन भारत और विदेश से लाखों तीर्थयात्री और पर्यटक आते हैं। उनमें से लगभग 90 प्रतिशत धार्मिक या आध्यात्मिक कारणों से आते हैं। इसके पवित्र दर्जे के बावजूद, शहर के भौतिक और नैतिक माहौल में गंभीर गिरावट आई है।

पवित्र स्थलों की ओर जाने वाली सड़कों के किनारे शराब की दुकानें, मीट की दुकानें और तंबाकू की दुकानें दिखाई देने लगी हैं। खराब सफाई व्यवस्था ने एक ऐसे शहर की छवि को और नुकसान पहुंचाया है जिसे पवित्रता और अनुशासन दिखाना चाहिए।