पंजाब विधानसभा में अपार्टमेंट और प्रॉपर्टी रेगुलेशन बिल सर्वसम्मति से पारित किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि इस बिल से आम लोगों को लाभ होगा. उन्होंने विरोधी दलों के नेताओं पर तीखा शब्दों में हमला किया और कहा कि वे कोई बच्चे नहीं हैं, बल्कि देश के अनुभवी मुख्यमंत्रियों में से एक हैं.
उन्होंने बताया कि 2 नवंबर तक 500 वर्ग गज तक के प्लॉट बिना एनओसी के पंजीकृत किए जा सकेंगे, हालांकि इसके लिए सौदे 31 जुलाई तक होने चाहिए थे और दस्तावेज़ दिखाने होंगे. इस बिल से अवैध कॉलोनियों को नियमित नहीं किया जाएगा, केवल प्लॉट्स को ही नियमित किया जा सकेगा. इसके बाद सदन की कार्यवाही अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इससे पहले, जब कुलदीप सिंह धालीवाल ने बोलना शुरू किया, तो माहौल गर्म हो गया. बाजवा और धालीवाल के बीच गरमा-गरम बहस हुई. धालीवाल ने सदन में कहा कि सभी को पता है कि अवैध कॉलोनियां किसने बनाई हैं. उन्होंने कहा कि अकाली और कांग्रेस के नेताओं ने कॉलोनियां बनाई हैं, जिससे बहस शुरू हो गई. इसके बाद दोनों पक्षों के नेता अपनी सीटों से उठ खड़े हुए. दोनों पक्षों के नेताओं के बीच लगभग पांच से दस मिनट तक बहस होती रही. हालांकि, बाद में स्पीकर ने उन्हें मुश्किल से शांत कराया.
सीएम मान ने कहा, “मैं बच्चा नहीं हूँ, मैं एक अनुभवी मुख्यमंत्री हूँ.” उन्होंने आगे कहा कि पहले चुनावों के समय सभी कॉलोनियों को नियमित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि मैं बच्चा नहीं हूँ, मेरे पास तीन साल का अनुभव है, और मैं देश के पांच अनुभवी मुख्यमंत्रियों में से एक हूँ. अरविंद केजरीवाल के बाद मेरा नाम आता है. इस मौके पर उन्होंने शायराना अंदाज़ में कहा, “ज़माने और निभाने में फर्क है ग़ालिब.” उन्होंने बताया कि उन्होंने इआली साहिब की कॉलोनी का निरीक्षण कराया, लेकिन कोई खामी नहीं पाई गई.
प्रॉपर्टी संशोधन बिल पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यह संशोधन एक बहुत ही अच्छा कदम है, जिससे पंजाब के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. साथ ही, इससे पंजाब के सरकारी खजाने में भी पैसा आएगा. उन्होंने बताया कि जब 1995 में पापरा एक्ट बनाया गया था, तो कोशिश थी कि पंजाब में अवैध कॉलोनियां न बनें. लेकिन पिछली सरकारों के दौरान कॉलोनियां बनती रहीं, जिससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
अकाली विधायक मनप्रीत इआली ने कहा कि देश की आजादी के बाद इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट और हाउसिंग बोर्ड द्वारा कॉलोनियां काटी जाती थीं. उन्होंने लुधियाना की कुछ कॉलोनियों का जिक्र किया, जो बहुत अच्छी तरह से काटी गईं थीं. उन्होंने कहा कि 1995 में पापरा एक्ट आया था, जिसके बाद पूडा (पंजाब अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) का जन्म हुआ था. हालांकि, अवैध कॉलोनियों को काटने पर रोक नहीं लगी. गमाडा ने मोहाली में अच्छा काम किया है और यहां अवैध कॉलोनियों की संख्या कम है. उन्होंने कहा कि पॉलिसी में सब कुछ स्पष्ट किया जाना चाहिए और मास्टर प्लान में भी सब कुछ स्पष्ट होना चाहिए, ताकि गलत जगह पर निर्माण न हो.
मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह ने कहा कि इस एक्ट में संशोधन पंजाब के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस संशोधन से लोगों को एनओसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा और पंजाब में अवैध कॉलोनियों को काटने पर रोक लगेगी. उन्होंने बताया कि इस संशोधन बिल में 500 वर्ग गज के प्लॉट शामिल हैं, जिनके 31 जुलाई तक एग्रीमेंट और पावर ऑफ अटॉर्नी ली गई है, उनकी रजिस्ट्री हो सकेगी. साथ ही, अवैध कॉलोनियों को बनाने वालों पर 25 लाख से 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 5 से 10 साल तक की सजा होगी.
राणा इंदर प्रताप सिंह ने कहा कि इस बिल के बाद जो कॉलोनियां नियमित हो रही हैं, उनके विकास का खर्च कौन उठाएगा? उन्होंने कहा कि केवल उस कॉलोनी को नियमित किया जाना चाहिए, जिसके डेवलपर बुनियादी सुविधाओं का खर्च उठाता है, क्योंकि काउंसिल की हालत खराब है. प्रताप सिंह बाजवा ने भी इस पर जोर दिया, हालांकि उन्होंने बिल का समर्थन किया.
इससे पहले विधानसभा में ईस्ट अवार्ड संशोधन बिल पेश किया गया. मंत्री चेतन सिंह जौड़े माजरा ने बिल के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि जंगी जागीर अवार्ड 1948 संशोधन बिल का प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें हर महीने दी जाने वाली राशि को 10,000 से बढ़ाकर 20,000 कर दिया गया है और बिल पारित कर दिया गया.
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