चंडीगढ़. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तबीयत बिगड़ने के कारण आज शाम को होने वाली कैबिनेट बैठक को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, जिसमें भगवंत मान को अध्यक्षता करनी थी। बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके कारण उन्होंने कल का दौरा भी रद्द कर दिया था। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी हालत जानने के लिए उनसे मुलाकात की थी।


पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदा प्रभावित घोषित कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 1902 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। सभी 23 जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, और प्रभावित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मदद पहुंचाने के लिए गजटेड अधिकारियों की तैनाती की गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान, सभी मंत्री और विधायक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

43 मौतें, 3 लोग लापता

बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है। 3 सितंबर तक यह आंकड़ा 37 था, लेकिन पिछले 24 घंटों में 6 और लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक 7 मौतें होशियारपुर में हुईं, जबकि अमृतसर और बरनाला में 5-5, बठिंडा और लुधियाना में 4-4, पठानकोट में 6, मानसा में 3, गुरदासपुर और एसएएस नगर में 2-2, फाजिल्का, फिरोजपुर, पटियाला, रूपनगर और संगरूर में 1-1 मौत दर्ज की गई। इसके अलावा, पठानकोट में 3 लोग लापता हैं।


3.84 लाख लोग प्रभावित

बाढ़ के कारण 3,84,205 लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें अपने घर छोड़ने पड़े हैं। सबसे अधिक प्रभाव गुरदासपुर में देखा गया, जहां 1,45,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। अन्य जिलों में स्थिति इस प्रकार है: अमृतसर में 1,35,880, बरनाला में 1,252, फाजिल्का में 24,212, फिरोजपुर में 38,594, होशियारपुर में 2,465, जालंधर में 1,090, कपूरथला में 5,728, मानसा में 178, मोगा में 800, रूपनगर में 368, पठानकोट में 15,503, संगरूर में 75, एसएएस नगर में 13,000 और तरनतारन में 60 लोग प्रभावित हैं।