चंडीगढ़। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री के गिरने की खबर आने के कुछ ही घंटों के भीतर पंजाब के कई विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पर उनकी ‘शराब पीने की आदत’ का मजाक उड़ाया, जबकि कुछ ने उनकी आलोचना की कि वे अपनी सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर भरोसा न रखते हुए दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भागे.

लेकिन राज्य के किसी भी राजनेता ने मान के लिए चिंता व्यक्त नहीं की, जो कम से कम एक दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे. यहां तक आप नेताओं ने भी कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की ओर से की गई अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ उनका बचाव करने की जहमत नहीं उठाई.

यही नहीं मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने इस मामले पर चुप्पी साधे रखी. जब जानकारी के लिए दबाव डाला गया, तो सीएमओ के एक कर्मचारी ने गुरुवार को व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मान की मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं, ताकि यह दिखाया जा सके कि सब कुछ ठीक है.

लेकिन सब कुछ स्पष्ट रूप से ठीक नहीं है. राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि पिछले सप्ताह के घटनाक्रम ने पंजाब के राजनीतिक विमर्श में एक नया निचला स्तर ला दिया है. उन्होंने यह भी बताया कि मान के खिलाफ हमलों पर उनके पार्टी सहयोगियों की चुप्पी बहुत ही चौंकाने वाली है, खासकर तब जब पंजाब में अफवाहों का बाजार गर्म है कि मान को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.

चंडीगढ़ के सेक्टर 26 स्थित एसजीजीएस कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर हरजेश्वर सिंह के अनुसार, मान “पंजाब में घटिया राजनीति को आम बनाने” के लिए जिम्मेदार हैं. सिंह ने कहा, “उन्होंने (मान) हमेशा विपक्षी नेताओं पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए उन पर हमला किया है और जब उन्हें उन पर पलटवार करने का मौका मिलता है, तो वे बिना किसी माफी के ऐसा करते हैं. यह नफरत की हद है.”

आप नेताओं की चुप्पी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कोई भी वास्तव में निश्चित नहीं है कि वह हवाई अड्डे पर क्यों गिरे, लेकिन अगर यह शराब से संबंधित है, तो जाहिर है कि कोई भी उनका बचाव नहीं करेगा. ऐसे में पार्टी को भी इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.”