नई दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री चन्नी इस बार अपनी वर्तमान सीट चमकौर साहिब के साथ जालंधर के आदमपुर से भी चुनाव लड़ेंगे. दरअसल कांग्रेस पार्टी दलित वोट बैंक को साधने के लिए ये बड़ा दांव खेल रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़कर जाने से होने वाले नुकसान के मद्देनजर पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी पूरी ताकत झोंक देना चाहती है. इसलिए पार्टी ने इस बार 5 सांसदों को भी विधानसभा चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है. इतना ही नहीं कैप्टन के करीबी 9 विधायकों का पार्टी ने टिकट काटने का फैसला किया है.
कांग्रेस पार्टी ने दलित वोट बैंक को साधने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को दो सीटों से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री चन्नी इस बार अपने वर्तमान सीट चमकौर साहिब के साथ जालंधर के आदमपुर से भी चुनावी मैदान में उतरेंगे. पार्टी की नजर प्रदेश 34 फीसदी दलित वोट बैंक पर है. इसे आम आदमी पार्टी के दलितों में वोट बैंक के काट के रूप में देखा जा रहा है.
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के गुरुवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक बुलाई है. हालांकि पहले ये बैठक पिछले हफ्ते होनी थी और फिर बुधवार को. लेकिन कोरोना के बढ़ते मामले और स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन अजय माकन के संक्रमित होने की वजह से अब ये बैठक अब गुरुवार को होगी.
सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने स्क्रीनिंग कमिटी की बैठकों में 75 सीटों पर आम सहमति बना ली गई है. हालांकि सीईसी की पहली बैठक में 50 उम्मीदवारों के नामों पर ही चर्चा की जाएगी. जिसके बाद पहली सूची को जारी कर दिया जाएगा. पंजाब कांग्रेस की ओर से विधानसभा चुनाव में इस बार 5 सांसदों को भी चुनाव लड़ाने का फैसला लिया गया है. उनमें जसबीर गिल, गुरजीत सिंह औजला, प्रताप सिंह बाजवा, डॉक्टर अमर सिंह का नाम सामने आ रहा है. इन बड़े चेहरों को मैदान में उतार कर पार्टी नुकसान की भरपाई करना चाहती है.
पंजाब स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि पंजाब में एक परिवार से केवल एक ही सदस्य को पार्टी का उम्मीदवार बनाया जाएगा. पार्टी इसका कड़ाई से पालन करेंगी. सूत्रों के मुताबिक पार्टी उन्हीं लोगों का टिकट काट रही है जिनका या तो परफॉर्मेंस ठीक नहीं रहा, या पार्टी को जिनकी निष्ठा पर विश्वास नहीं है.